चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया उदय उमेश ललित 8 नवंबर को रियायर हो रहे हैं, क्योंकि उनका कार्यकाल सिर्फ 74 दिनों का ही है. इससे पहले भारत सरकार ने सीजेआई से अपना उत्तराधिकारी नामित करने की सिफारिश की है. विधि एवं न्याय मंत्रालयने चीफ जस्टिस उदय उमेश ललितको पत्र लिखकर उनसे नए सीजेआई के नाम की सिफारिश करते हुए नियुक्ति से संबंधित ज्ञापन प्रक्रिया शुरू करने का अनुरोध किया है . विधि एवं न्याय मंत्रालयने ट्वीट किया, ‘भारत के प्रधान न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति से संबंधित ज्ञापन प्रक्रिया (एमओपी) के तहत माननीय विधि एवं न्याय मंत्री ने माननीय प्रधान न्यायाधीश को एक पत्र भेजकर उनसे अपने उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए सिफरिशें भेजने को कहा है.’ विधि एवं न्याय मंत्रालय ने शायद पहली बार इस संबंध में ट्वीट करके जानकारी दी है. सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया से संबंधित ज्ञापन प्रक्रिया (एमओपी) के तहत रिटायर हो रहे जीफ जस्टिस कानून मंत्रालय से पत्र पाने के बाद अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश की प्रक्रिया शुरू करते हैं.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़सीजीआई के बाद सबसे वरिष्ठ जज और इस पद के प्रमुख दावेदार हैं. चीफ जस्टिस अपने उत्तराधिकारी के रूप में सबसे वरिष्ठ जज को नामित करते हैं. इस परंपरा के मुताबिक, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ देश के 50वें चीफ जस्टिस हो सकते हैं और वह नौ नवंबर को सीजेआई पद की शपथ ग्रहण कर सकते हैं. अगर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़अगले सीजेआई बनते हैं तो उनका कार्यकाल दो साल का होगा। वह 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त होंगे. सुप्रीम कोर्ट के जज 65 वर्ष की आयु में और हाई कोर्ट के जज 62 वर्ष की आयु में रिटायर होते हैं.