मुंबई. महाराष्ट्र हाउसिंग रेगुलेटरी अथॉरिटी (महारेरा) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा करने में देरी करने वाले राज्य भर के 541 परियोजनाओं को ब्लैकलिस्ट कर दिया है, जिसमें तीन प्रोजेक्ट म्हाडा के शामिल है। महारेरा ने परियोजनाओं को पूरा नहीं करने वाले बिल्डरों पर आवासीय परियोजनाओं के घरों की बिक्री, विज्ञापन या विपणन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. इन परियोजनाओं को ऐसे समय में ब्लैकलिस्ट किया गया है जब इनमें 80 फीसदी घर बिक चुके हैं. जिन बिल्ड़रों को ब्लैकलिस्ट किया गया है वे सभी लोकल हैं. भविष्य में ये नए प्रोजेक्ट पर काम नहीं कर सकेंगे.
महारेरा की तरफ से ब्लैकलिस्ट की गई परियोजनाओं में से 274 (43 फीसदी) के साथ एमएमआर सबसे आगे है, इसके बाद पुणे की 189 (29 फीसदी) प्रोजेक्ट हैं. शेष 181 यानी 28 फीसदी परियोजनाएं नागपुर, नासिक, कोल्हापुर, औरंगाबाद, सतारा, रत्नागिरी और सांगली में हैं. महारेरा ने म्हाडा की जिन तीन प्रोजेक्ट को ब्लैकलिस्ट किया है, उनमें दो मुंबई और एक नागपुर में है. मुंबई मंडल के अंतर्गत बिल्डिंग नंबर 32 बिंबिसार नगर वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे पर स्थित है. यह प्रोजेक्ट 31 दिसंबर 2017 से चल रहा है जिसे पूरा नहीं किया जा सका है. इसी तरह म्हाडा के बोरीवली पश्चिम में सीटीएस नंबर एक सी-11 पर कम आयवर्ग के लिए 586 और मध्य आय वर्ग के लिए 234 फ्लैट का निर्माण चल रहा है. यह प्रोजेक्ट भी 2017 से चल रहा है जिसे पूरा नहीं किया गया है. इसी तरह म्हाडा नागपुर बोर्ड की तरफ से सुभाष रोड़ म्हाडा सिटी इम्प्रेस मिल की जमीन पर 320 फ्लैट का निर्माण किया जाना था. 2018 से ही इस प्रोजेक्ट का काम अधूरा पड़ा हुआ है. महारेरा के निशाने पर केवल निजी बिल्डर ही नहीं अपितु सरकारी विभाग भी हैं जिसने प्रोजेक्ट बनाने में देरी की है उसे बख्शा नहीं जा रहा है. इसी कड़ी में म्हाडा जैसी राज्य की सबसे बड़ी हाउसिंग अथॉरिटी को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है.