भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने बुधवार को रेपो रेट को तत्काल प्रभाव से 35 बेसिस पॉइंट्स (bps) से बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया।रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने देश में लगातार बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए यह कदम उठाया है. यह लगातार पांचवीं बार है जब इस साल RBI ने रेपो रेट बढ़ाया है.
इस बारे में घोषणा करते हुए RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि समिति के छह सदस्यों में से पांच रेपो रेट में बढ़ोतरी के पक्ष में थे। इसके साथ ही मीटिंग में यह भी तय किया गया कि बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों से किसी भी तरह का लोन (LOAN) लेना अब और महंगे होंगे और इनसे जुड़ी मासिक किस्त यानी EMI में भी बढ़त की जाएगी। अब हर महीने की ईएमआई (EMI) पहले से ज्यादा चुकानी होगी।
इसके साथ ही आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि इस साल रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध का असर पूरी दुनिया पर देखने को मिला। दुनियाभर में खाने-पीने की चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई। ऐसे माहौल में भी भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में बनी हुई है और हमारी महंगाई दर दुनिया के मुकाबले कम है। गवर्नर ने कहा कि समिति की प्राथमिकता में आर्थिक ग्रोथ सबसे ऊपर है। हमने महंगाई को काबू में रखने के लिए रेट (repo rate hike) में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है।
इस मौके पर गर्वनर दास ने यह भी कहा कि पूरी दुनिया में चैलेंजिंग सिचुएशन होने के बावजूद भी भारत दुनिया में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी बना रहेगा। फाइनेंशियल ईयर 2023 में भारत की GDP रेट 7 प्रतिशत से घटकर 6.8 प्रतिशत होने की संभावना है। हालांकि आसार अभी भी यही हैं कि महंगाई तय लक्ष्य के ऊपर ही रहेगी।
आरबीआई गर्वनर ने यह भी कहा कि लिक्विडिटी में आगे और सुधार देखने को मिलेगा। उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा कि लिक्विडिटी को लेकर RBI कोई दिक्कत नहीं आने देगा। साथ ही इस बात की भी घोषणा की कि मनी मार्केट का समय सुबह 9 से शाम 5 बजे होगा।
बता दें कि इसस पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से 4 बार ब्याज दरों में इजाफा किया जा चुका है. इस साल केंद्रीय बैंक ने 4 मई को रेपो रेट में 0.4 प्रतिशत, 8 जून को 0.5 प्रतिशत, 5 अगस्त को 0.5 प्रतिशत और 30 सितंबर को 0.5 प्रतिशत की वृद्धि की है.
ईएमआई में होगा इजाफा
रेपो रेट में इजाफा होने का सीधा असर आपकी होम लोन, ऑटो लोन और दूसरे अन्य सभी प्रकार के लोन महंगे हो जाएंगे। जब भी आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में इजाफा किया जाता है, तो इसका सीधा असर लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी के तौर पर देखने को मिलता है। इसके कई कमर्शियल बैंकों की ओर से भी ब्याज दर में इजाफा किया जा सकता है।
क्या होता है Repo Rate?
रेपो रेट (Repo Rate) वह दर होती है, जिस पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों को लोन देता है। इस दर में बढ़ोतरी होने के कारण बैंकों को अधिक ब्याज चुकानी पड़ती हैं। ऐसे में रेपो रेट बढ़ने से बैंक से मिलने वाले सभी तरह के कर्ज महंगे हो जाते हैं।