रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के खिलाफ अमेज़न की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा अमेज़न (Amazon) के पक्ष में फैसला सुनाया गया है. रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की करीब 24 हजार करोड़ की डील पर अभी रोक लग गई है. कोर्ट ने कहा है कि सिंगापुर में जो इमरजेंसी आर्बिट्रेशन का फैसला है, वह भारत में भी लागू होगा.
बता दें कि फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस रिटेल के बीच 24 हजार करोड रुपए से ज्यादा की डील हुई थी. इस डील पर अमेजन को आपत्ति है. अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप के कूपंस में अपनी हिस्सेदारी का हवाला देकर इस डील पर सवाल उठाए हैं.
बता दें कि सिंगापुर में रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के फैसले पर रोक लगा दी गई थी, इसी के बाद भारत में भी अमेजन ने विलय सौदे के खिलाफ याचिका दायर की थी. इस डील के खिलाफ अमेजन ने सबसे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, हाईकोर्ट ने इस डील पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इसी के बाद अमेजन की ओर से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया था.
क्या है एमेजॉन का विरोध
एमेजॉन ने फ्यूचर रिटेल की प्रमोटर कंपनी Future Coupons में 49 फीसदी हिस्सेदारी दिसंबर 2019 में खरीदी थी. अगस्त 2020 में जब फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस रिटेल को अपना सारा रिटेल बिजनेस बेचने का फैसला किया तो एमेजॉन ने इसका विरोध किया. एमेजॉन का कहना था कि यह फ्यूचर-एमेजॉन के बीच हुए अग्रीमेंट के खिलाफ है. अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच जो डील थी उसके मुताबिक, कंपनी बेची जाती है तो खरीद का पहला अधिकार अमेजन का ही होगा लेकिन रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप की डील में इसका पालन नहीं हुआ. इसके बाद एमेजॉन ने अलग-अलग कोर्ट में इस डील के खिलाफ अपील दायर की थी. अक्टूबर में SIAC ने एमेजॉन के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था.