पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में गिरफ्तार टीएमसी नेता और ममता सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी को सभी पदों से हटा दिया है. सीएम ममता बनर्जी ने कैबिनेट बैठक के बाद पार्थ को मंत्री समेत पार्टी के सभी पदों से हटा दिया है. चटर्जी को मंत्रालय समेत सभी पदों से हटाए जाने की तेज होती मांग के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कैबिनेट बैठक के बाद बड़ा फैसला लिया है.
पार्थ की पार्टी और सरकार में सभी पदों से छुट्टी हो गई है. अब उनके सभी विभाग फिलहाल सीएम ममता बनर्जी खुद संभालेंगी.शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में मंत्री की गिरफ्तारी के बाद ममता सरकार चौतरफा घिर गई थी. बीजेपी और कांग्रेस समेत दोनों विपक्षी दल लगातार ममता सरकार पर हमलावर थे. अब ममता बनर्जी ने बड़ा एक्शन लेते हुए पार्थ को मंत्री पद के साथ सभी पदों से हटा दिया है.
शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पार्थ और अर्पिता की गिरफ्तारी के बाद हर तरफ से घिरी ममता सरकार ने अपने नेतृत्व से पार्थ चटर्जी के मुद्दे पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं देने के लिए कहा था. वहीं गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी ने प्रवर्तन निदेशालय के सामने खुलासा किया कि उनके दूसरे फ्लैट से बरामद सभी पैसे पार्थ के थे. अब पार्थ चटर्जी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं.
TMC महासचिव ने उठाई थी पार्थ को हटाने की मांग
बता दें कि घोटाला मामले में पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद ममता सरकार विपक्षी दलों के साथ ही अपनी भी पार्टी के निशाने पर थीं. टीएमसी महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने पार्थ को पार्टी और मंत्रालय से हटाए जाने का आह्वान किया था. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि, “पार्थ चटर्जी को मंत्रालय और पार्टी के सभी पदों से तुरंत हटाया जाना चाहिए. उन्हें निष्कासित किया जाना चाहिए. अगर इस बयान को गलत माना जाता है, तो पार्टी को उनको भी सभी पदों से हटाने का पूरा अधिकार है.
बता दें कि ईडी ने बुधवार को हुई छापेमारी में अर्पिता मुखर्जी के दूसरे अपार्टमेंट से 28.90 करोड़ रुपये नकद, 5 किलो से ज्यादा सोना और कई दस्तावेज बरामद किए थे. इससे पहले अर्पिता के घर से 21 करोड़ रुपए नकद बरामद किए गए थे. वह ममता सरकार में मंत्री रहे पार्थ चटर्जी की करीबी मानी जाती हैं.