फिल्म काली के पोस्टर से छिड़ा विवाद थम नहीं रहा है। विवादित बयान देने के बाद निशाने पर आईं तूणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भाजपा पर पलटवार किया है। महुआ मोइत्रा ने कहा कि भाजपा हिंदू देवी-देवताओं की संरक्षक नहीं है और उसे बंगालियों को नहीं सिखाना चाहिए कि मां काली की पूजा कैसे की जाती है।
मोइत्रा ने कहा कि भाजपा उत्तर भारत में देवी-देवताओं की पूजा की विधियों पर आधारित अपने विचारों को देश के अन्य हिस्सों के उन लोगों पर नहीं थोप सकती, जो पिछले दो हजार वर्षों से प्रचलित विभिन्न अनुष्ठानों से पूजा करते हैं।
सांसद मोइत्रा ने गुरुवार रात एक बंगाली समाचार चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखकर एक परिपक्व नेता के रूप में काम किया है, क्योंकि भाजपा के हिंदुत्व के एजेंडे को थोपने और अन्य जातीय समूहों पर अपने एकात्मक विचारों थोपने की कोशिश का एक साथ विरोध किया जाना चाहिए।
मोइत्रा ने कहा कि भाजपा को उत्तर भारतीयों की पूजा पद्धति को देश के अन्य हिस्सों के लोगों पर थोपने से बचना चाहिए। पश्चिम बंगाल में हिंदू सदियों से अपने सुस्थापित रीति-रिवाजों का पालन करते हैं। भाजपा हमें यह सिखाने वाली कौन है कि देवी काली की एक विशेष तरीके से पूजा कैसे की जाती है? न तो भगवान राम और न ही भगवान हनुमान केवल भाजपा के हैं। क्या पार्टी ने हिंदू धर्म का पट्टा लिया है? काली भक्त होने के नाते, मुझे पता है कि काली की पूजा कैसे करनी है। हम पिछले दो हजार सालों से देवी की पूजा कर रहे हैं।
महुआ मोइत्रा का असम के सीएम से सवाल
महुआ मोइत्रा ने पूछा कि क्या असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा लिखित रूप में बता सकते हैं कि कामाख्या मंदिर के पीठासीन देवता को क्या प्रसाद दिया जाता है। मोइत्रा ने कहा, “क्या अन्य बीजेपी शासित राज्यों के सीएम वहां के मंदिरों में मां काली को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद के बारे में ऐसा कर सकते हैं? क्या शराब इन मंदिरों में नहीं चढ़ाया जाता है? बीजेपी मुझे नीचे गिराना चाहती है क्योंकि मैं इसके कुकर्मों का जमकर विरोध करती हूं लेकिन मुझे पता है इनकी रणनीति काम नहीं करेगी।”
फिल्म काली के पोस्टर से उठा विवाद
दरअसल, महुआ मोइत्रा ने एक टीवी प्रोग्राम में ‘काली’ फिल्म के पोस्टर पर छिड़े विवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि मां काली तो मीट खाने वाली और शराब को स्वीकार करने वाली देवी हैं। उनके इस बयान को एक वर्ग ने मां काली का अपमान बताया था। इस पर मध्य प्रदेश के सीएम ने कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। यही नहीं मध्य प्रदेश में उनके खिलाफ केस भी दर्ज हुए हैं।