कोलकाता, 6 मार्च। दक्षिण 24 परगना जिले के भांगड़ से इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) विधायक नौशाद सिद्दीकी जेल से रिहा होने के बाद सोमवार को पहली बार विधानसभा में कदम रखा। विधानसभा पहुंचने पर उन्हें सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के साथ शिष्टाचार का आदान-प्रदान करते भी देखा गया। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी से भी मुलाकात की।
21 जनवरी को धर्मतला में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान आईएसएफ कार्यकर्ता पुलिस से भिड़ गए। इस दौरान नौशाद और आईएसएफ के कई समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया। 42 दिनों तक कैद में रहने के बाद नौशाद को गत शनिवार सुबह प्रेसीडेंसी जेल से रिहा कर दिया गया।
विधान सभा का बजट सत्र नौ फरवरी से शुरू हुआ था, जबकि नौशाद जेल हिरासत में थे। नौशाद ने उस सत्र में शामिल होने के लिए एक वकील के जरिए कोर्ट में अर्जी भी दी थी, लेकिन रिहाई नहीं होने के कारण वह बजट सत्र में शामिल नहीं हो सके थे। नौशाद सोमवार सुबह विधानसभा पहुंचे। सुबह करीब 11 बजे विधान सभा पहुंचकर वे विभिन्न विधायक-मंत्रियों से शिष्टाचार का आदान-प्रदान करते नजर आए। वे निर्माण एवं जनस्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मंत्री पुलक रॉय के साथ काफी देर तक बात करते दिखे। इसके बाद वे स्पीकर के रूम में भी गए। वहां से बाहर निकल कर उन्होंने भाजपा के कई विधायकों से बात की और फिर जेल में रहने के दौरान विभिन्न पार्टियों की ओर से मिले समर्थन के लिये उनका आभार जताया।
विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद नौशाद ने कहा कि इतने दिनों के बाद विधानसभा में वापस आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। मुझे 42 दिन कैद में रखा गया। मैं बहुत देर तक लड़ा। मैं स्पीकर का शुक्रगुजार हूं कि वह मेरे साथ खड़े रहे। वह सभा में मेरे संरक्षक हैं। मुझे आज के सत्र के अंत तक बने रहने की उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा कि प्रेसीडेंसी जेल में रहने के दौरान मैंने जेल में काफी अव्यवस्था देखी। मुझे मौका मिलने पर मैं इसे विधानसभा में लाऊंगा ताकि कैदी थोड़ा बेहतर जीवन जी सकें।