मुंबई। मेट्रो लाइन 2A और 7 पर आज से 20 किलोमीटर दूरी तक मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन शुरू हुआ. मेट्रो दहिसर से डीएननगर और दहिसर से अंधेरी वेस्ट रुट वाले मेट्रो के ट्रायल रन का आज उद्घाटन हुआ. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) और उप-मुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. दहिसर से गोरेगांव पूर्व तक की मेट्रो लाइन पर पहले फेज का ट्रायल शुरू किया गया है.
मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण आयुक्त आर ए राजीव के मुताबिक 4 महीने ट्रायल चलेगा उसके बाद सभी सुरक्षा मानकों के परीक्षण के बाद अक्टूबर महीने से आम जनता इसमें सफर कर सकती है. आज दोपहर 12.30 बजे इसे कांदिवली हाईवे पर आकुर्ली रेलवे स्टेशन पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हरी झंडी दिखाई.
शुरुआत में दो मेट्रो के बीच का अंतर आधा घंटे का होगा. जब ट्रेन की संख्या बढ़ेगी तो यह अंतर कम होता जाएगा. ये दोनों रुट की मेट्रो शुरू होने के बाद मुंबई में मेट्रो का जाल और फैलाया जाएगा. फिलहाल मुंबई में अंधेरी से घाटकोपर, इसी एक रूट में मेट्रो चल रही है. जब अन्य रुट्स में भी मेट्रो चलने लगेगी तो कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी और जहां पहुंचने में डेढ़ से दो घंटे लगते हैं, वहां वो बीस मिनट लगा करेंगे और मुंबई इन मिनिट्स का सपना अब जल्द साकार होगा.
मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (MMRDA) आयुक्त आर ए राजीव के मुताबिक 4 महीने ट्रायल चलेगा उसके बाद सभी सुरक्षा मानकों के परीक्षण के बाद अक्टूबर महीने से आम जनता इसमें सफर कर सकती है. आज दोपहर 12.30 बजे इसे कांदिवली हाईवे पर आकुर्ली रेलवे स्टेशन पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हरी झंडी दिखाई.
‘मुंबई इन मिनिट्स’ का सपना हुआ साकार
शुरुआत में दो मेट्रो के बीच का अंतर आधा घंटे का होगा. जब ट्रेन की संख्या बढ़ेगी तो यह अंतर कम होता जाएगा. ये दोनों रुट की मेट्रो शुरू होने के बाद मुंबई में मेट्रो का जाल और फैलाया जाएगा. फिलहाल मुंबई में अंधेरी से घाटकोपर, इसी एक रूट में मेट्रो चल रही है. जब अन्य रुट्स में भी मेट्रो चलने लगेगी तो कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी और जहां पहुंचने में डेढ़ से दो घंटे लगते हैं, वहां वो बीस मिनट लगा करेंगे और मुंबई इन मिनिट्स का सपना अब जल्द साकार होगा. ऐसा विश्वास MMRDA आयुक्त आर ए राजीव ने जताया है.
दोनों रूट्स में मेट्रो चलने से फायदा होगा
मेट्रो 2-A और मेट्रो 7 शुरू होने से अंधेरी से दहिसर पट्टी के इलाकों के 13 लाख यात्रियों का सफर आसान हो जाएगा. 2026 तक मुंबई मेट्रो के सभी तय प्रोजेक्ट्स पूरे होने का प्रस्ताव है. इससे मुंबई महानगर प्रदेश परिसर में सर्किल टाइप का मेट्रो मार्ग तैयार होगा. ऐसा अंदाज है कि 2031 तक मेट्रो से 1 करोड़ यात्री सफर करेंगे. प्रत्येक मेट्रो ट्रेने 6 कोच की है.
कोच में 52 लोग बैठकर सफर कर सकते हैं और 328 लोग खड़े होकर सफर कर सकते हैं. इस तरह एक ट्रेन में 2280 यात्री सफर कर सकते हैं. हम आपको बता दें कि फिलहाल मुंबई के यात्रियों की कनेक्टिविटी लोकल ट्रेन के माध्यम से सीधी रेखा में मौजूद है. यानी नॉर्थ साउथ कनेक्टिविटी है इस्ट-वेस्ट कनेक्टिविटी नहीं है.
यानी अगर किसी को उत्तर से दक्षिण की बजाए पूरब से पश्चिम जाना होता है तो सड़क मार्ग ही विकल्प बचता है. वरना ट्रेन से बहुत आगे तक जाकर फिर पीछे आना पड़ता है. जबकि सड़कों पर हेवी ट्रैफिक का सामना पड़ता है. मुंबई में जगहों की कमी की वजह से सड़कें दिल्ली की तरह चौड़ी भी नहीं हैं. ऐसे में मेट्रो का जाल बिछने के बाद मुंबईकरों के लिए सफर बहुत आसान हो जाएगा.
मेक इन इंडिया का फायदा
मुंबई मेट्रो की एक और खासियत है इसका मेक इन इंडिया होना. मेक इन इंडिया के तहत भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड ने इसे स्वदेशी तकनीक के तहत विकसित किया है. इससे पर्यावरण को जीरो नुकसान है. और सबसे बड़ी बात कि कुछ दिनों तक इन्हें चलाने के लिए ड्राइवरों की सेवाएं ली जाएंगी, उसके बाद इनमें ड्राइवरों की जरूरत नहीं होगी. यह ऑटोमैटिक सिस्टम से रन करेगी.
12 हजार करोड़ का निवेश
मुंबई मेट्रो के इस प्रोजेक्ट में करीब 12 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया गया है. इनमें से 6 करोड़ अब तक खर्च हो चुके हैं. आज जो ट्रायल रन किया गया, इसे मार्च में ही किया जाना था. कोरोना संकट की वजह से काम में देरी हो गई.