गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड की फिर बढ़ी लागत
दो बोगदे बनाने के लिए अलग से निकलेगा टेंडर
मुंबई-पूर्वी और पश्चिमी उपनगर को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड मार्ग की ट्रैफिक की समस्या को दूर करने के लिए तैयार परियोजना की लागत बढ़ती ही जा रही है. इसको लेकर अब तक कई बार निविदा प्रक्रिया की गई लेकिन हर बार सिर्फ खर्च ही बढ़ा है। जीएमएलआर को चौड़ा करने के लिए बनाई गयी परियोजना का खर्च बढ़कर पंद्रह सौ करोड़ रुपए तक पहुच गया है। मनपा के एक अधिकारी ने बताया कि बार-बार टेंडर रद्द होने व नया टेंडर जारी होने से परियोजना की लागत हर साल 6 से 8 प्रतिशत बढ़ती जा रही है।
शुरुआत में इस परियोजना की लागत 4770 करोड़ रुपये थी। अब इस परियोजना में दो बोगदे (सुरंग) बनाने को लेकर अलग से निविदा प्रक्रिया की जा रही है। इसके लिए 6225 करोड़ रुपये का खर्च अपेक्षित है। 14 किलोमीटर लंबा यह लिंक रोड संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (नेशनल पार्क) से होकर जाएगा। राष्ट्रीय उद्यान में पर्यावरण का नुकसान न हो इसके लिए वहां पर 4.7 किलोमीटर लंबा भूमिगत मार्ग बोगदा बनाने की योजना है।
अप्रैल 2020 में निकाले गए टेंडर के अनुसार दोनों बोगदे का काम एक पैकेज में था। उसके पहले साल भर टेंडर प्रक्रिया का मामला लटका हुआ था। तकनीकी अड़चन, लागत बढ़ने व अन्य वजहों से सितंबर में टेंडर रद्द कर दिया गया। अब दोबारा नार्थ व साउथ टनल की प्रक्रिया शुरू की गयी है। जिसके अनुसार नार्थ की बोगदे के लिए 3020 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है, वहीं साउथ बोगदे पर 3205 करोड़ रुपये खर्च अपेक्षित है।
मनपा अधिकारी ने बताया कि अब ठेकेदारों को कई शर्तों का पालन करना होगा। जिसके तहत ही ठेका दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को पांच साल में पूरा करना होगा। बता दें कि इस परियोजना के लिए वर्ष 2018 में 4770 करोड़ रुपये की निविदा तैयार किया गया था। अब इस परियोजना में देरी होने से काम में देरी तो हुई ही खर्च भी बढ़ गया है।