शिवड़ी टी बी अस्पताल में सुपरिंटेंडेंट पर गिरेगी गाज
नर्स और वार्ड बॉय पर भी हो सकती है कार्रवाई
मुंबई-शिवड़ी टी बी अस्पताल में कोरोना से मृत हुए मरीज की 14 दिन बाद मिली लाश मामले में सुपरिटेंडेंट की लापरवाही सामने आई है। इसके अलावा नर्स और वार्ड बॉय पर भी गाज गिर सकती है। इन दोनों की भी लापरवाही सामने आई है। मनपा प्रशासन ने इस पूरे मामले की जांच करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की उप कार्यकारी अधिकारी दक्षा शाह को जांच करने का निर्देश दिया था। दक्षा शाह ने अपनी जांच रिपोर्ट मनपा आयुक्त के पास भेज दी है।
दक्षा शाह ने लगभग 200 लोगो से पूछताछ करने के बाद अपनी रिपोर्ट दी है। गौरतलब हो कि 18 अक्टूबर को एक टीबी और कोरोना से पीड़ित मरीज के गायब होने की खबर सामने आई थी। गायब टीबी और कोरोना संक्रमित मरीज सूर्यभान यादव की लाश अस्पताल के ही शौचालय में 14 दिन बाद पाई गई थी।
जबकि शिवड़ी अस्पताल के आधिकरियों ने मरीज के गायब होने की शिकायत कर मरीज के गायब होने की किसी तरह की खोजबीन किए बिना अपना कर्तव्य पूरा मान लिया था। मरीज के मौत के 14 दिन बाद अस्पताल मे शुरू हुई तेज बदबू के बाद पाया गया कि किसी मरीज की शौचालय में मौत हुई है। जांच में अस्पताल में भर्ती वार्ड 12 के मरीज सहित नर्स व वार्ड बॉय को भी शामिल किया गया था।
शाह ने अपनी जांच रिपोर्ट में यह पाया कि सुपरिंटेंडेंट द्वारा बड़ी लापरवाही बरती गयी। अस्पताल के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चिकित्सा अधिकारी ने अस्पताल के कर्मचारियों को शौचालय में जांच करने का निर्देश दिया था लेकिन वार्ड बॉय और नर्स ने चिकित्सा अधिकारी के आदेश की अनदेखी की। यादव के अस्पताल से गायब होने की शिकायत 4 अक्टूबर को की गई थी ।
इसके बावजूद मरीज की खोजबीन में टाल मटोल की गई। सूर्यभान यादव को शिवड़ी अस्पताल में इलाज के लिए 30 सितंबर को भर्ती कराया गया था और जांच में कोरोना का संक्रमण भी पाया गया था।सूर्यभान सितंबर महीने में मिर्जापुर से मुंबई नौकरी करने आया था। बीमार होने पर उसे गोरेगाव में भर्ती कराया गया था लेकिन कोरोना होने के बाद उसे शिवड़ी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया था।
मेडिकल ऑफिसर खुद ने लिखा था कि गायब हुए मरीज की खोज के लिए शौचालय की जांच करे। इस बीच वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों ने आस पास से बड़ी तेज गंदी बदबू आने की शिकायत भी की थी लेकिन उसे भी नर्स और वार्ड बॉय ने नजरंदाज कर दिया था। अस्पताल के नर्स और वार्ड बॉय अस्पताल के पास की नाली का और पास में पड़े कचरे के ढेर को बदबू का कारण बताते हुए किसी प्रकार की खोज बीन करने से नजरंदाज कर दिया था। प्रशासन द्वारा पूरे मामले की जांच के लिए नियुक्त दक्षा शाह ने सुपरिंटेंडेंट डॉ. ललित कुमार आंनदे कि लापरवाही पाई है।
शाह ने अपनी रिपोर्ट में डॉ. ललित को अस्पताल से निष्कासित करने की रिपोर्ट दी है। इस बीच डॉ. ललित ने उनकी लापरवाही की जानकारी सामने आने पर कहा कि फिलहाल उन्हें इस मामले में कुछ भी पता नही है. उन्होंने इतना कहा कि उनकी उम्र 58 साल होने के बावजूद कोरोना हाइरिक्स होने के बावजूद अस्पताल में मरीज का इलाज करते रहे। उन्होंने लापरवाही होने से इनकार किया। मनपा अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने कहा कि इस घटना को हमने गंभीरता से लिया है और जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी। जांच अधिकारी ने इस तरह की घटना दुबारा न घटे, इसके लिए कई सुझाव भी दिए है।