शिवसेना ने भी माना, मनपा में भ्रष्टाचार
कोरोना काल में अधिकारियों की रही चांदी
भाजपा के आरोप पर सत्तापक्ष की मुहर
मुंबई-कहते हैं कि जब पाप का घड़ा भर जाता है तो छलक ही पड़ता है. भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुकी मुंबई मनपा की सत्ता पर आसीन शिवसेना ने भी मान लिया है कि मनपा में अधिकारियों की मनमानी से गड़बड़ घोटाला होता है. कोरोना काल के दौरान मनपा में हुए भ्रष्टाचार को अब शिवसेना भी मान्य करने लगी है। इससे मनपा में भाजपा द्वारा लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के आरोप पर सत्तापक्ष ने मुहर लगा दिया है.
मनपा की बुधवार को हुई स्थाई समिति की बैठक में स्थाई समिति अध्यक्ष यशंवत जाधव ने कहा कि मनपा में भ्रष्टाचार का बोल बोला इस कदर बढ़ा है कि अस्पताल का एक डिप्युटी डीन जैसा अधिकारी, जिसके खिलाफ इतनी शिकायतें आई हैं फिर भी वह अपनी कुर्सी पर बना हुआ है. कुछ दिन पहले पार्टी नेताओं के साथ हुई बैठक में मनपा आयुक्त के सामने भी इसकी शिकायत की गई थी लेकिन उसे आज तक हटाया नही गया।
यशवंत जाधव ने बैठक में आरोप लगाते हुए कहा कि मनपा में भ्रष्टाचार का प्रभाव इस कदर बढ़ा है कि मनपा के वरिष्ठ अधिकारी भी डिप्युटी डीन को हटा नहीं पा रहे है। मनपा में सभी पार्टी के नेताओ ने संयुक्त रूप आरोप लगाया कि उनके पत्र का कोई अधिकारी जवाब तक नही देता है। उल्लेखनीय है कि कोरोना काल के दौरान भाजपा ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए आंदोलन भी किया था। अब इसकी पोल परत दर परत खुल रही है। कोरोना काल के दौरान वार्ड स्तर पर किए गए खर्च की मंजूरी देने का प्रस्ताव स्थाई समिति में लाया गया है। स्थाई समिति में लगभग 80 से अधिक कोरोना के खर्च किए हुए प्रस्ताव मनपा प्रशासन को वापस लौटा दिया गया है. पिछले सप्ताह हुई बैठक में 65 प्रस्ताव मनपा प्रशासन के पास वापस किया गया था।
शिवसेना ने कोरोना काल मे हुए खर्च का प्रस्ताव यह कर वापस लौटाया की इनमें कोई जानकारी नही दी गई है. जो खर्च किया गया उसमे कितना सामान खरीदा गया कितनी आपूर्ति हुई इसका भी जिक्र नहीं है। प्रस्ताव में कामो पर खर्च हुए पैसों में कोई पारदर्शिता नही है। भाजपा इस तरह का आरोप पहले से लगाती आ रही है कि कोरोना काल मे हुए खर्च में पारदर्शिता नही है। मनपा सदन की नेता ने मनपा द्वारा कोरोना काल मे खर्च हुए सभी प्रस्तावों में पारदर्शिता नही होने के कारण मनपा प्रशासन को वापस लौटा दिया गया है।
मनपा आयुक्त के खिलाफ विस में लाऊंगा विशेषाधिकार हनन
मनपा स्थाई समिति में समाजवादी पार्टी नेता एवं विधायक रईश शेख ने आरोप लगाया कि उन्होंने मनपा आयुक्त को पत्र लिखा था जिसका जवाब डिप्युटी डीन ने दिया। डीन ने अपने जवाब में यह कहा है कि मनपा कर्मचारी कोरोना काल मे बड़े ईमानदारी से काम कर रहे है। उन्होंने डिप्युटी डीन को तत्काल हटाने और उस पर कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने आगे कहा कि कार्रवाई नही की गई तो मनपा आयुक्त के खिलाफ विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाऊंगा।