महिलाओं के लिए मुंबई में मात्र 3,000 टॉयलेट
मुंबई-कई राज्यों के बजट से भी ज्यादा बजट रखने वाली एशिया की संभवतः सबसे बड़ी एवं धनी मुंबई मनपा को इस साल केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण में जीरों अंक मिले हैं। लगभग 80 हजार का फिक्स डिपॉजिट रखने वाली मनपा की कार्यप्रणाली से मुंबई के आर्थिक राजधानी होने के तमगे पर बट्टा लगा है. केंद्र के इस स्वच्छता सर्वेक्षण में पांच-स्टार रेटिंग के लिए सार्वजनिक शौचालय का मुद्दा महत्वपूर्ण होता है। इसे ध्यान में रखते हुए अब मनपा ने सार्वजनिक शौचालयों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया है।इसके तहत पुराने शौचालयों को ध्वस्त किया जाएगा और अधिक से अधिक एक और दो मंजिला शौचालय बनाए जाएंगे। मुंबई के स्लम और पॉश क्षेत्रों में कुल ऐसे 22,000 से अधिक शौचालयों का निर्माण किया जाएगा।
स्वच्छता सर्वेक्षण, कचरा मुक्त शहरों, सार्वजनिक शौचालयों की संख्या, पांच सितारा रेटिंग के लिए शौचालयों की उपलब्धता का अध्ययन करता है। हालांकि मुंबई शहर को कूड़ा रहित घोषित किया गया है, लेकिन बढ़ती आबादी के कारण शौचालयों की संख्या बहुत कम ही है। प्रशासन द्वारा एक सार्वजनिक शौचालय का निर्माण 35 से 50 नागरिकों के लिए किया जाता है। जबकि मुंबई में सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग उससे तीन गुना से अधिक लोगों द्वारा किया जाता है। कुछ स्थानों पर तो हर दिन 200 से अधिक लोग एक ही शौचालय का उपयोग करते हैं।स्वच्छता सर्वेक्षण में मिले अंक को मुंबई मनपा ने इसे सेटबैक के एक कारणों में से स्वीकार किया है। इसको एक चुनौती के रूप में लेते हुए मनपा ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालयों की संख्या बढ़ाने के लिए मौजूदा छोटे शौचालयों को ध्वस्त कर उसी स्थान पर एक और दो मंजिला शौचालय बनाने का फैसला किया है। मनपा के घन कचरा विभाग के अनुसार इससे शौचालयों की संख्या में वृद्धि होगी। स्वच्छ भारत अभियान के लॉट 11 में 22,000 नए शौचालय बनाने का निर्णय लिया गया है। इसी कड़ी में पुराने शौचालयों में से कुछ को ध्वस्त कर दिया गया है और निर्माण की प्रशासनिक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। खार पूर्व के जे. पी. मार्ग क्षेत्र के शौचालय कुछ महीने पहले ध्वस्त कर दिया गया था अब वहां दो मंजिला शौचालय का निर्माण किया जाएगा। बांद्रा एच-ईस्ट वार्ड समिति अध्यक्ष ने इसका भूमिपूजन किया. चूंकि इस शौचालय में 67 शौचालय हैं इसलिए इसके पुनर्निर्माण से इस क्षेत्र के नागरिकों की असुविधा दूर होगी।शौचालय में महिलाओं के साथ विकलांगों के लिए भी अलग व्यवस्था होगी।
महिलाओं के लिए केवल 3000 शौचालय
मुंबई में पुरुषों के लिए उपलब्ध शौचालयों के मुकाबले महिलाओं के लिए सार्वजनिक शौचालयों की संख्या में भारी असमानता है।मनपा के आंकड़ों के अनुसार मुंबई में महिलाओं के लिए कुल तीन हजार 237 शौचालय हैं। शहरी क्षेत्रों में 1,499 शौचालय, पश्चिमी उपनगरों में 941 और पूर्वी उपनगरों में 777 शौचालय हैं। पुरुषों के शौचालयों की संख्या 9,640 है, जिसमें शहर में 4,762, पश्चिमी उपनगरों में 2,667 और पूर्वी उपनगरों में 2,217 शामिल हैं।