हरदास को मदद की दरकार, नहीं सुन रही सरकार
मुंबई-बालासाहेब ठाकरे की अनेक सभाओं में उनके संबोधन से पूर्व पारंपरिक तुतारी की गूंज से शिवसैनिकों में जोश भरने वाला हरदास गुरव उर्फ़ हरिओम ‘तुतारीवाला’ आज किडनी की बीमारी से जूझ रहा है. जे. जे. अस्पताल के 6वीं मंजिल पर इलाज करा रहा हरिओम पिछले 24 वर्षों से शिवसेना की रैलियों में तुतारी बजाता आ रहा है। अनेक शिवसेना नेताओं से पहचान रखने वाले तुतरीवाले ने जब संकट की घड़ी में मदद मांगनी चाही तो किसी ने उसका फोन ही नहीं उठाया। मूलतः सांगली निवासी हरिओम ने अपने पिता से तुतारी बजाना सीखने के बाद 1996 में मुंबई आया था। तब से वह शिवसेना की सभाओं में पारंपरिक मावला वस्त्र पहनकर अपनी कला का प्रदर्शन करता आ रहा है.
हरदास बालासाहेब ठाकरे, उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे, आदित्य ठाकरे की सभाओं से पूर्व उनके आगमन एवं संबोधन से पूर्व तुतारी बजा चुका है. इसके लिए घंटों पूर्व मंच के पास खड़ा रहना पड़ता है, खाना और पानी भी कम पीना पड़ता है ताकि वाशरूम न जाना पड़े. इसके चलते अब उसकी एक किडनी फेल हो चुकी है और उसे ऑपरेशन की जरूरत है। घाटकोपर में भाड़े के घर में रहने वाले हरदास को लॉकडाउन के चलते पिछले सात महीने से कोई काम नहीं मिला तो वॉचमैन के रूप में काम करने लगे. जब किडनी की समस्या बढ़ गयी तो अस्पताल में दाखिल हो गए लेकिन अब इन्हे अपनी पत्नी और बच्चों का भविष्य अंधकारमय नजर आ