मुंबई। शहरीकरण चलते ठोस कचरा प्रबंधन की समस्या जटिल होती जा रही है। प्रदेश के कई शहरों की विकास योजनाएं ठप हैं क्योंकि नगर परिषद और नगर पंचायतों के पास ठोस प्रबंधन के लिए अपना स्थान नहीं है। राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने बताया कि सरकार ने ऐसे शहरों में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए स्थान प्रदान करने का निर्णय लिया है।
थोरात ने आगे कहा कि राज्य के कई शहरों में ठोस कचरा एक बड़ी समस्या बन गयी है। कई स्थानों पर ठोस कचरा प्रबंधन से अक्सर स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों के बीच विवाद होते हैं। कुछ नगरपालिकाओं के पास जगह उपलब्ध नहीं है। यह सब ठोस कचरा प्रबंधन पर प्रभाव डाल रहा है। ये समस्याएं राज्य की कई नगरपालिकाओं का सामना कर रही हैं।
परिणामस्वरूप इन नगरपालिकाओं के विकास के लिए सरकारी धन प्राप्त करने में कठिनाइयाँ आईं। राज्य में 150 से अधिक नगर परिषदों ने जिला कलेक्टर को एक प्रस्ताव भेजकर सरकार से जगह उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने अब जिला कलेक्टर को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए स्थान प्रदान करने का अधिकार दिया है। इस निर्णय से नगर पालिकाओं और नगर परिषदों की बड़ी समस्या को हल करने में मदद मिलेगी।