दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्डरिंग मामले में मलिक से पूछताछ
मुंबई: सूत्रों की माने तो दाऊद इब्राहिम के मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में नवाब मलिक से पूछताछ की जा रही है। कुछ दिनों पहले ईडी ने इकबाल कासकर को पूछताछ के लिए अपनी हिरासत में लिया था। जानकारी के मुताबिक इकबाल की गवाही पर ईडी की टीम ने नवाब मलिक से पूछताछ शुरू की है।
नवाब मलिक पर शरद पवार की प्रतिक्रिया
शरद पवार बोले कि नवाब मलिक काफी समय से बीजेपी के खिलाफ बोल रहे हैं। ईडी की यह कार्रवाई उसी के परिणामस्वरूप हैं। कई दशकों पहले मुझपर भी इसी प्रकार का आरोप लगाया गया था। अब नवाब मलिक को भी दाऊद इब्राहिम से जोड़ा जा रहा है। मुझे इस बात का अंदेशा था कि आने वाले दिनों में नवाब को इस तरह से परेशान किया जाएगा।
नवाब मलिक सच बोलते हैं: सांसद संजय राउत
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने नवाब मलिक पर बोलते हुए कहा कि जो कोई भी बीजेपी और केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाता है। उसे केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए डराने धमकाने का काम काफी दिनों से शुरू है। आज भी ईडी ने वही किया है। लेकिन मेरा सवाल यह भी है कि आखिर सिर्फ महाविकास अघाड़ी के नेताओं पर ही ईडी के अधिकारियों की कार्रवाई क्यों हो रही है? क्या बीजेपी के नेताओं पर कोई भी मामला नहीं है। या वह सब बिल्कुल दूध के धुले हुए हैं। मुझे पूरा यकीन है कि शाम तक नवाब मलिक घर जरूर लौटेंगे। 2024 के बाद इन सब की भी जांच होगी। आने वाले दिनों में मैं कई बीजेपी नेताओं और अधिकारियों के बारे में खुलासा करूंगा। इसके लिए भले ही मुझे कितनी भी बड़ी कीमत क्यों ना चुकानी पड़े।
अंडरवर्ल्ड और नवाब मलिक
देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि नवाब मलिक और अंडरवर्ल्ड का कनेक्शन काफी पुराना है और इसके दो किरदार हैं। उन्होंने कहा कि इसमें से पहला किरदार है सरदार शाह वली खान जो 1993 बम धमाकों का आरोपी है। वो फिलहाल उम्रकैद की सजा काट रहा है। सरदार पर यह आरोप था कि उसने टाइगर मेमन के कहने पर बीएमसी की इमारत और अन्य जगहों पर बम रखने के लिए रेकी की थी। इसके अलावा अल हुसैनी बिल्डिंग में जहां टाइगर मेमन रहता था। वहां कार में भी विस्फोटक भरने का काम इसी सरदार नाम के व्यक्ति ने किया था।
कहानी का दूसरा का किरदार है ‘मोहम्मद सलीम पटेल’ सलीम पटेल अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का आदमी है। वह दाऊद की बहन हसीना पारकर का बॉडीगार्ड और ड्राइवर भी था। फडणवीस ने कहा कि जब हसीना को गिरफ्तार किया गया था। तब पटेल को भी मुंबई पुलिस ने पकड़ा था। इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक हसीना के नाम पर मुंबई में संपत्ति जमा होती थी और यह सब सलीम पटेल के नाम पर लिस्ट होती थी। यानी पावर ऑफ अटॉर्नी सलीम पटेल के नाम होती थी।
नवाब मलिक पर आरोप
फडणवीस से पूछा कि क्या नवाब मलिक को यह नहीं पता था कि सलीम पटेल कौन है? आखिर उन्होंने मुंबई में बम धमाकों को अंजाम देने वाले आरोपियों से जमीन क्यों खरीदी? उस दौरान सलीम पटेल और सरदार पर टाडा लगा हुआ था। इस कानून के तहत गिरफ्तार लोगों की संपत्तियों को सरकार अपने कब्जे में लेती थी। ऐसे में सवाल यह भी है कि क्या नवाब मलिक ने इन आरोपियों की संपत्ति को जब्त होने से बचाने के लिए यह जमीन खरीदी थी। नवाब मलिक की इस कारगुजारी से उनका सीधा संबंध अंडरवर्ल्ड से स्थापित होता है।