महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और विधायक जितेंद्र आव्हाड (NCP Jitendra Awhad) एक बार फिर मुश्किल में नजर आ रहे हैं। एक हफ्ते के भीतर एनसीपी नेता आव्हाड के खिलाफ दूसरा केस दर्ज किया गया है।
ताजा मामला एक महिला से छेड़छानी (Molestation Case) से जुड़ा है। इस मामले में मुंब्रा पुलिस (Mumbra Police) ने आव्हाड के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 के तहत एफआईआर दर्ज की है। जिसके बाद आव्हाड ने विधायक के पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है।
ठाणे के कलवा-मुम्ब्रा से एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने ट्वीट कर अपने इस्तीफे का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ पिछले 72 घंटे में दो फर्जी केस दर्ज किए गए हैं। आव्हाड ने कहा कि मैं अपनी आंखों के सामने लोकतंत्र की हत्या नहीं देख सकता, इसलिए उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। अब वो पुलिस अत्याचार के खिलाफ लड़ेंगे।
बता दें कि इससे पहले भी विधायक आव्हाड को एक मॉल में मारपीट के मामले में 11 नवंबर को वर्तकनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में जमानत मिलने के कुछ देर बाद ही एक महिला से छेड़छाड़ का आरोप लगाया। महिला का आरोप है कि मुम्ब्रा में नए पुल के उद्धाटन के दौरान जितेंद्र आव्हाड ने उन्हें गलत तरीके से छुआ था। उसकी शिकायत पर मुम्ब्रा पुलिस ने आव्हाड के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
महिला ने लगाया है छेड़छाड़ का आरोप
शिकायतकर्ता का आरोप है कि कल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ठाणे में बने फ़्लाइओवर का उद्घाटन करने आये थे. इस मौके पर पीड़ित महिला समेत सांसद श्रीकांत शिंदे, विधायक जितेंद्र आव्हाड समेत अन्य नेता मौजूद थे। एक 40 वर्षीय महिला सामाजिक कार्यकर्ता ने दावा किया कि छेड़खानी की घटना रविवार शाम 7 बजे नए फ्लाईओवर के उद्घाटन समारोह के दौरान हुई। पीड़ित महिला बीजेपी कार्यकर्ता बताई जा रही है।
महिला का दावा है कि आव्हाड ने महिला के शरीर को गलत तरीके से छुआ और एक तरफ हटने के लिए कहा। महिला ने आरोप लगाया कि अव्हाड की नियत ठीक नहीं थी। इसके बाद महिला ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया और फिर शिकायत दर्ज करवाई। मुंब्रा पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है।
हाल ही में हुई थी गिरफ्तारी
हाल ही में पूर्व कैबिनेट मंत्री जितेंद्र आव्हाड को पुलिस ने मराठी फिल्म की स्क्रीनिंग रुकवाने और एक व्यक्ति को पीटने के आरोप में गिरफ्तार किया था। जानकारी के मुताबिक वे अपने समर्थकों के साथ ठाणे के एक मॉल में घुस गए और मराठी फिल्म- हर हर महादेव की स्क्रीनिंग को जबरन रुकवा दिया था। एक शख्स ने विरोध किया तो उसके साथ मारपीट भी की थी। बाद में मुंबई की एक अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी।