मुंबई : एक महिला ने 120 करोड़ रुपये की जमीन मुंबई के टाटा अस्पताल को दान कर दी है. टाटा अस्पताल से महज 400 मीटर की दूरी पर यह जमीन दान में दी है. टाटा मेमोरियल अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों की लंबी फेहरिस्त है. ऐसे में बहुतों को इंतजार करना पड़ता है. इसके समाधान के तौर पर मुंबई की एक उदार महिला ने अपनी करीब 120 करोड़ रुपये की जमीन टाटा अस्पताल को कीमोथेरेपी सेंटर शुरू करने के लिए दी है.
मुंबई की 61 वर्षीय दीपिका मुंडले ने टाटा अस्पताल को अपनी पुश्तैनी 30,000 वर्ग फुट जमीन दान में दी है. केंद्र के निर्माण के लिए अन्य 18 परोपकारी लोगों ने संयुक्त रूप से दान दिया है. पता चला है कि यह रकम करीब 18 करोड़ रुपये है.
1932 में ल्यूकेमिया से मेहरबाई टाटा की मृत्यु हो गई. उनके पति दोराबजी टाटा अपनी पत्नी के इलाज के लिए भारत में अस्पताल जैसी सुविधा लाना चाहते थे. दोराबजी की मृत्यु के बाद, उनके उत्तराधिकारी, नोरोजी सकलतवाला ने अपने प्रयासों को जारी रखा. अंत में, जेआरडी टाटा के समर्थन के परिणामस्वरूप, मुंबई में एक श्रमिक शिविर, परेल के केंद्र में सात मंजिला टाटा मेमोरियल अस्पताल का सपना 28 फरवरी 1941 को साकार हुआ.
टाटा मेमोरियल अस्पताल भारत का सबसे बड़ा कैंसर रोगियों का इलाज करने वाला अस्पताल है. यहां कैंसर के मरीजों के इलाज के लिए काफी भीड़ होती है. टाटा अस्पताल भारत में लगभग एक तिहाई कैंसर रोगियों का इलाज कर रहा है. यहां प्राथमिक उपचार के लिए आने वाले 60 फीसदी मरीजों का मुफ्त इलाज किया जाता है.