भारत को कोरोना से जंग में एक और हथियार मिल सकता है। अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना (Moderna) ने अपने कोविड टीके को भारत में लाने के लिए मंजूरी मांगी है। मॉडर्ना की वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से 18 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिल सकती है. इसे लेकर मुंबई स्थिति सिप्ला कंपनी ने टीके के इम्पोर्ट और मार्केटिंग ऑथराइजेशन के लिए आवेदन किया है.
सिप्ला ने अमेरिकी दवा कम्पनी की ओर से वैक्सीन के इम्पोर्ट, मार्केटिंग संबंधी प्राधिकार के लिए आवेदन किया है. सूत्रों ने कहा है कि कंपनी ने सोमवार को आवेदन दिया था और आज उसको मंजूरी मिल सकती है. सिप्ला ने सोमवार को एक आवेदन दायर कर ‘मॉडर्ना’ के कोविड-19 रोधी टीके के आयात के लिए अनुमति मांगी थी, जिसमें DCGI के 15 अप्रैल और एक जून के नोटिस का हवाला दिया गया था. उस नोटिस में कहा गया था कि यदि टीके को ईयूए के लिए USFDA के जरिए इजाजत दी जाती है तो वैक्सीन को बिना ‘ब्रिजिंग ट्रायल’ के मंजूरी दी जा सकती है.
कोविड -19 से बचाव के लिए मॉडर्ना की वैक्सीन RNA (mRNA) पर निर्भर करती है, ताकि कोरोनवायरस के लिए प्रतिरक्षा पैदा करने के लिए सेल्स को प्रोग्राम किया जा सके. फाइजर के साथ ही ये वैक्सीन अमीर देशों की पसंद बनी रही है. विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना के खिलाफ वैक्सीन की डोज 90 फीसदी तक प्रभाव वाली है.
भारत सरकार ने 31 दिसंबर 2021 तक सभी नागरिकों को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा टीकों की जरूरत होगी। ऐसे में अगर मॉडर्ना की वैक्सीन को मंजूरी मिलती है तो देश में टीकाकरण की प्रक्रिया और तेज हो सकती है।
बता दें कि देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Coronavirus 2nd Wave) का प्रकोप अब कम हो गया है, लेकिन पहली और दूसरी लहर को लेकर की गई एक स्टडी में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि कोविड-19 की दूसरी लहर में मरने वालों की तादाद पहली लहर के मुकाबले 40 गुना ज्यादा रही.