मुंबई, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का संक्रमण प्रत्येक क्षेत्र में लगातार बढ़ता जा रहा है। बड़े शहरों से निकलकर अब कोरोना छोटे शहरों और गांवों में भी अपना पैर पसार रहा है। यही नहीं कोरोना के कहर ने अब राज्य परिवहन मंडल (एसटी) के कर्मचारियों को भी अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है। अपनी ड्यूटी करते हुए एसटी के 32 कर्मचारियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। जबकि एसटी के 316 कर्मचारी राज्य के अलग-अलग अस्पतालों में कोविड का उपचार करा रहे हैं। अभी तक एसटी के 970 कर्मचारी कोरोना से प्रभावित हुए हैं। साथ ही इस बीमारी से 722 कर्मचारी कोरोना पर विजय पाकर रिकवर हो चुके हैं।
जानकारी के अनुसार एसटी के मुंबई और ठाणे डिवीजनों में कोरोना पीड़ित कर्मचारियों की संख्या सबसे अधिक है। कोरोना के कारण जिन 32 कर्मचारियों की मौत हुई है, उनमें मुंबई मुख्यालय के 4 कर्मचारी शामिल हैं। इसके बाद ठाणे डिवीजन के विभिन्न डिपो के कर्मचारी हैं। सरकारी घोषणा के अनुसार कोरोना के कारण जान गंवाने वाले, ड्यूटी पर जाने पर संक्रमित होने वाले कर्मचारी के परिवार को 50 लाख रुपए प्रदान किए जाएंगे। हालांकि, अब तक केवल 6 कर्मचारियों के परिजनों को ही यह मदद मिल पाई है। कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए मुंबई सहित पूरे राज्य में लॉकडाउन लगाया गया था। लॉकडाउन के दौरान सभी यात्री अपने घरों पर ही थे। उस समय एसटी की परिवहन सेवाओं को केवल आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों को प्रदान किया जा रहा था। हालांकि, एसटी कॉर्पोरेशन ने धीरे-धीरे एसटी में यात्रियों की संख्या में वृद्धि की है। इसलिए, यात्रा के दौरान यात्रियों को असुविधा से बचने के लिए, एसटी निगम ने 2 सीटों पर पर्दे लगाने का फैसला किया है।