डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज (Dr. Reddy’s Laboratories) ने अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा तैयार 2-DG के लॉन्च की घोषणा कर दी है. रेड्डी ने कहा कि उन्हें खुशी हो रही है कि कंपनी शुरुआती हफ्तों में भारत के प्रमुख सरकारी और निजी अस्पतालों को इसकी आपूर्ति करेगी. 2DG को इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड अलाइड साइंसेज (INMAS) द्वारा विकसित किया गया था, जो कि की एक लेबोरेट्री है.
डीआरडीओ ने पहले 1 जून को कहा गया था कि कोरोना वायरस रोगियों के उपचार में इस दवा को इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी दे दी गई है। इसके बाद से इस दवा को अभी तक सिर्फ चुनिंदा अस्पतालों में ही इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन अब इस दवा को सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों को भी बेचा जाएगा।
इसके एक पाउच का दाम 990 रुपये निर्धारित किया गया है, सब्सिडी के साथ सरकारी संस्थानों को दी जाने वाली दर है. इसकी कीमत को लेकर पहले भी बयान जारी किया गया था और कहा गया था कि इसकी कीमत ऐसी रखी जाएगी जो सबकी पहुंच में हो। 2-DG की शुद्धता 99.5 प्रतिशत है और इसे ब्रांड के तहत व्यावसायिक रूप से बेचा जा रहा है. इसे बाजार में 2-DGTM के नाम से बेचा जाएगा.
2-DG पाउडर के रूप में आती है, जिसे पानी में घोलकर लिया जाता है। ये दवा इंफेक्टेड सेल में में जमा हो जाती है और वायरल सिंथेसिस और एनर्जी प्रोडक्शन कर वायरस को बढ़ने से रोकती है। इस दवा की खास बात ये है कि ये वायरस से संक्रमित कोशिकाओं की पहचान करती है। दावा है कि इस दवा से कोरोना मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता कम होगी और उन्हें ज्यादा दिन तक अस्पताल में रुकने की जरूरत भी नहीं होगी।
DRDO के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने कहा कि उन्हें हैदराबाद में डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज (Dr. Reddy’s Laboratories) के साथ काम करके खुशी मिली. उन्होंने कहा कि डीआरडीओ कोरोना की लड़ाई में लगातार योगदान दे रहा है.