पुलिस आयुक्त विवेक फणसलकर पुलिस कर्मी के घर जाकर दिया साहस
ठाणे-कोरोना संकट काल में कई पुलिस कर्मियों ने कोरोना वायरस के चलते अपनी जान गंवा दी है लेकिन कई पुलिस अधिकारी ऐसे भी है जिन्होंने कोरोना वायरस को हराकर एक मिसाल कायम कर दी है. इन्हीं में से एक राबोडी पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस उप निरीक्षक भगतराव सालुंखे (55) भी शामिल है. जिन्होंने 70 दिनों तक कोरोना से जंग जीतकर कोरोना को पूरी तरह से हरा दिया और अपने घर लौट चुके है. ठाणे पुलिस आयुक्त विवेक फणसलकर ने सिर्फ उनका स्वागत ही नही किये बल्कि पुलिस कर्मी के घर जाकर साहस बढ़ाते हुए उनके भावी जीवन की कामना की है.
बता दें कि ठाणे के राबोडी पुलिस स्टेशन के सहायक उप-निरीक्षक 55 वर्षीय भगवतराव सालुंखे अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ ठाणे के वागले एस्टेट में रहते हैं. सालुंके को दो महीने पहले कोरोना संक्रमित पाकर उन्हें इलाज के लिए ठाणे के वेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस बीच इलाज के दौरान उनकी हालत बिगड़ गई थी. वेदांत अस्पताल में डेढ़ महीने के इलाज के बाद, उन्हें वर्तक नगर के सिद्धिविनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया. 13 दिनों के बाद, उन्हें आगे के उपचार के लिए मुंबई के बॉम्बे अस्पताल में भर्ती कराया गया. साइट पर दस दिनों के उपचार के बाद पूरी तरह से ठीक होने वाले सालुंखे को एक सप्ताह पहले बॉम्बे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी. कोरोना योद्धा सहायक पुलिस उप-निरीक्षक भगतराव सालुंखे, जो 70 दिनों तक कोरोना से जूझने के बाद घर लौट आए, उन्हें फूलों से नहलाया गया और स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया.
भगवत राव ने “नवभारत” को बताया कि 70 दिनों तक चली उनकी कोरोना जंग में उन्होंने स्वास्थ के कई उतार चढ़ाव देखे लेकिन उन्होंने इस युद्ध में हार नहीं मानी और आखिरकार उनकी जीत हुई है और कोरोना हार गया है. उनका कहना है कि जब तक आप हार नहीं मानते तब तक आपको कोई भी हरा नहीं सकता