महाराष्ट्र कोरोना वायरस संक्रमण के संकट से एक बार फिर जूझ रहा है। इस साल मार्च का महीना राज्य के लिए सबसे घातक साबित हुआ है। केवल मार्च महीने में ही अभी तक करीब छह लाख नए मामले सामने आए हैं, इससे राज्य में लॉकडाउन लागू किए जाने की आशंका को और बल मिला है।
महामारी की शुरुआत से ही महाराष्ट्र कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र में 1 से 29 मार्च के बीच कोरोना वायरस के 5 लाख 90 हजार 448 नए मामले दर्ज किए गए हैं।
साल 2021 की शुरुआत में महाराष्ट्र में कोरोना के मामले पिछले तीन महीनों की तुलना में तेजी से घट रहे थे। लेकिन इस महीने आए नए मामलों ने बीते चार महीनों को रिकॉर्ड तोड़ दिया है। नवंबर 2020 से फरवरी 2021 के बीच राज्य में कोरोना के 4 लाख 87 हजार 519 नए मामले आए थे।
सोमवार को महाराष्ट्र में कोरोना के 31,643 नए मामले सामने आए थे और 102 लोगों की मौत हुई थी। इससे एक दिन पहले 40,414 नए मामले दर्ज किए गए थे। राज्य में कोरोना के कुल सक्रिय मामले अब 27 लाख 45 हजार 518 हो गई है। वहीं, अभी तक कुल 54,283 लोगों की कोरोना के चलते मौत हुई है।
17 मार्च के बाद से महाराष्ट्र में रोजाना 20 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। इस महीने राज्य में कोरोना संक्रमण के चलते 2129 लोगों की जान गई है। सोमवार को राज्य में सकारात्मकता दर 14.08 फीसदी रही जबकि ठीक होने की दर (रिकवरी रेट) 85.71 फीसदी रहा।
राज्य की बनाई टास्क फोर्ट के सदस्य डॉक्टर राहुल पंडित के मुताबिक, फिलहाल महाराष्ट्र में यह आंकड़ा बढ़ेगा क्योंकि टेस्ट भी बढ़ा दिए गए हैं। राज्य में पिछले कुछ हफ्तों से हर दिन 1 लाख से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं।
कोविड टास्क फोर्स ने कोरोना पर रोक लगाने के लिए राज्य में लॉकडाउन की सिफारिश की है। इसके बाद सीएम उद्धव ठाकरे ने भी कड़ा संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं इसलिए लॉकडाउन पर विचार करना पड़ सकता है। इसे लेकर अब सरकार में दो सुर सुनाई पड़ रहे हैं।