देशभर में पिछले कई हफ्तों से कोरोना मामलों को लेकर राहत है. जिसे देखते हुए लगभग तमाम तरह की पाबंदियां भी हटा ली गई हैं. लेकिन अब मुंबई में कोरोना के दो नए वेरिएंट ने दस्तक दी है. बताया गया है कि मुंबई में कप्पा वेरिएंट का एक मरीज पाया गया है, वहीं कोरोना के “XE” वेरियंट से संक्रमित मरीज की भी पहचान हुई है. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है.
बीएमसी की तरफ से बताया गया है कि, कोरोना वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए कुछ लोगों के सैंपल लिए गए थे. कुल 376 कोरोना संक्रमितों के सैंपल लैब में भेजे गए. इसके बाद इनमें से 230 सैंपल के नतीजे सामने आए. इनमें से 228 ओमिक्रोन वेरिएंट के केस थे. वहीं कप्पा वेरियंट और “XE” वेरियंट के एक-एक मामले सामने आए.
इन सभी मरीजों में से 21 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें से 12 लोग ऐसे थे, जिन्होंने कोरोना की एक भी डोज नहीं ली थी, वहीं 9 लोग ऐसे थे जिन्होंने कोरोना की पहली डोज ली है. हालांकि राहत की बाय ये है कि इनमें से किसी को भी ऑक्सीजन सपोर्ट या फिर आईसीयू में नहीं रखा गया है.
बीएमसी की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक इन 230 मरीजों में से सिर्फ 1 महिला मरीज की मौत हुई है. हालांकि उन्हें पेट से जुड़ी कुछ गंभीर समस्या थी. महिला की उम्र 47 साल थी और वो कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले चुकी थीं. इन आंकड़ों के साथ बीएमसी की तरफ से लोगों को सावधानी बरतने का सुझाव दिया गया है. जिसमें भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और हाइजीन जैसे सुझाव दिए गए हैं.
XE वैरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि यह ओमिक्रॉन वैरिएंट के दो स्ट्रेन्स BA.1 और BA.2 को मिलाकर बना है. इसका पहला केस ब्रिटेन में पाया गया था और इसे XE वैरिएंट नाम दिया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आशंका जताई है कि यह वैरिएंट सबसे तेजी से फैलने वाला साबित हो सकता है.
भारत में कोरोना केसों में लगातार कमी देखी जा रही है और एक्टिव मामलों की संख्या तेजी से कम होते हुए 15 हजार से कम रह गई है. ऐसे में अब XE वैरिएंट का पाया जाना चिंताएं बढ़ाने वाला है. इससे अब तक मिली सफलता पर पानी फिरने का भी खतरा पैदा हो गया है.
गौरतलब है कि चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में एक बार फिर से कोरोना सिर उठा रहा है. चीन की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले शंघाई में लॉकडाउन की स्थिति है और एक दिन में लाखों टेस्ट किए जा रहे हैं. आईआईटी कानपुर के अनुमान के मुताबिक भारत में भी जून, 2022 तक कोरोना संक्रमण की चौथी लहर दस्तक दे सकती है. हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि देश में बड़े पैमाने पर टीकाकरण हो चुका है. ऐसे में कोरोना की नई लहर के पहले की तरह घातक होने की आशंका नहीं है.