कोरोना के खिलाफ लड़ाई में रविवार से एक और अहम कदम उठाया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि 10 अप्रैल से प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर पर 18 से 59 वर्ष से अधिक उम्र के पात्र लोगों को कोविड की बूस्टर डोज दी जाएगी। ऐसे में वे सभी लोग जो 18 साल की उम्र पूरी कर चुके हैं और उन्हें दूसरी डोज लिए हुए 9 महीने पूरे हो चुके हैं, वे बूस्टर डोज लगवा सकते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने रविवार को 18-59 आयु वर्ग के लिए प्रीकॉशन डोज के संबंध में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सभी स्वास्थ्य सचिवों की बैठक की। सरकार का कहना है कि प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर बूस्टर डोज के लिए सर्विस चार्ज के रूप में अधिकतम 150 रुपये तक ही ले कर सकते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि एहतियात की खुराक उसी टीके की होगी जिसका इस्तेमाल पहली और दूसरी खुराक के लिए किया गया था। साथ ही बूस्टर डोज के लिए अलग से रजिस्ट्रेशन की आवश्यक्ता नहीं होगा। सरकार का कहना है कि सभी लाभार्थी पहले से ही CoWIN पर पंजीकृत हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि कोविड-19 की बूस्टर डोज निजी टीकाकरण केंद्रों में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। यह सुविधा सभी निजी टीकाकरण केंद्रों में होगी. वहीं वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा है कि उसकी कोविशील्ड वैक्सीन की बूस्टर डोज की कीमत पात्र लोगों के लिए 600 रुपये प्रति खुराक होगी।
मौजूदा समय में किसी व्यक्ति को कोविड के अलग-अलग टीकों की डोज देने की देश में अनुमति नहीं है, जिसका मतलब है कि बूस्टर डोज उसी टीके की होगी जिसकी पहली व दूसरी खुराक दी गई थी. इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्विटर पर कहा था, ‘कोरोना के ख़िलाफ लड़ाई अब और मज़बूत होगी।
15 साल से अधिक के लगभग 96% को पहली डोज
देश में सभी 15 से अधिक आबादी में से लगभग 96 प्रतिशत लोगों को कम से कम एक कोविड-19 की वैक्सीन दी जा चुकी है। वहीं, 15 वर्ष से अधिक 83 प्रतिशत लोगों ने दोनों डोज प्राप्त की हैं। हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 वर्ष से अधिक लोगों को 2.4 करोड़ से अधिक बूस्टर डोज दी जा चुकी हैं। साथ ही, 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 45 प्रतिशत लोगों को कोविड की पहली डोज दी जा चुकी है।