तीसरी लहर की वजह बन सकता है कोरोना का यह वायरस
मुंबई। टॉस्क फोर्स ने महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट की वजह से तीसरी लहर आने की आशंका प्रकट की है। कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर महाराष्ट्र में चिंता उस वक्त बढ़ गई, जब राज्य के सात रोगियों में यह वैरिएंट पाया गया। रत्नागिरी, नवी मुंबई और पालघर जिले में एकत्रित किए गए सैंपल में डेल्टा प्लस वेरिएंट के सात रोगी मिले हैं। यह विषाणु कितनी जगह फैला है, यह पता लगाने के लिए अन्य सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए हैं।
डेल्टा से बना डेल्टा प्लस
भारत में पहले खोजे गए डेल्टा अर्थात बी.1.617.2 विषाणु में म्यूटेशन होकर डेल्टा प्लस नाम का नया विषाणु विकसित हो गया है। यह समझने के लिए शोध चल रहा है कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल उपचार पद्धति से इस वायरस का प्रतिकार किया जा सकता है?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पश्चिमी महाराष्ट्र में खासकर कोल्हापुर, सिंधुदुर्ग, रायगढ़, रत्नागिरी, सतारा और सांगली में कोविड-19 के मरीज बढ़ रहे हैं. डेल्टा प्लस के सात में से पांच मरीज रत्नागिरी जिले में मिले हैं। 10 जून को रत्नागिरी जिले में पॉजिटिविटी रेट 13.7 प्रतिशत थी। उस समय राज्य की दर 5.8 थी।
रत्नागिरी में कोरोना के 6,553 एक्टिव मरीज मिले हैं। रत्नागिरी जिला महाराष्ट्र के सबसे अधिक रोगियों वाला जिला है। जिन पांच लोगों में डेल्टा प्लस वायरस मिला है वे गांव पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं और उन्हें कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। जिन गांवों में डेल्टा प्लस टाइप मिला है, वहां ज्यादातर लोग विदेश जा रहे हैं। हालांकि किसी भी संक्रमित व्यक्ति ने कोई यात्रा नहीं की है।
एक से दो माह में आ सकती है तीसरी लहर
टास्क फोर्स ने आशंका प्रकट की है कि अगर भीड़ बढ़ी और नियमों का पालन नहीं किया गया तो एक-दो महीने में महाराष्ट्र में कोरोना की तीसरी लहर आ जाएगी। कुछ दिन पहले विशेषज्ञों ने कहा था कि डेल्टा प्लस टाइप से कोरोना की तीसरी लहर हो सकती है।
शनिवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पुणे में कहा था कि तीसरी लहर को गंभीरता से लेने की जरूरत है। उन्होंने लोगों से पर्यटक स्थलों पर नहीं जाने की अपील भी की है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर लोग पर्यटन के उद्देश्य से जिले से बाहर जाना जारी रखते हैं, तो प्रशासन के पास उनके घर लौटने के बाद ऐसे लोगों पर 15 दिनों की कोरेंटाइन व्यवस्था लागू करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा।
;उन्होंने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन में बड़े पैमाने पर टीकाकरण के बावजूद तीसरी लहर का खतरा अभी भी बना हुआ है। उन्होंने कहा कि इसलिए, हमें तीसरी लहर (चेतावनी) को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है।