मुंबई। एसटी कॉर्पोरेशन ने राज्य सरकार से सिफारिश की है कि उन एसटी ड्राइवरों का भी टीकाकरण किया जाना चाहिए जो कोरोना काल से आज तक मुंबई की परिवहन प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं। रेलवे के साथ, राज्य में फंसे अन्य राज्य के श्रमिकों के परिवहन की जिम्मेदारी भी एसटी ने बखूबी निभाई है। इसके साथ ही अंतर-जिला और फिर आम जनता के लिए अंतर-राज्य परिवहन में भी जिम्मेदारी से कार्य किया है।
इस सेवा को प्रदान करने की शुरुआत से ही निगम के ड्राइवरों और वाहकों के अलावा, मैकेनिकल स्टाफ, ट्रैफिक कंट्रोलर, सुरक्षा गार्ड और अन्य कर्मचारी, अधिकारी काम कर रहे थे। अब तक कोरोना के कारण एसटी ने 105 कर्मचारियों को खोया है, जिनमें से अधिकांश ड्राइवर हैं।
वर्तमान में एसटी के पास 34,000 चालक और 29,000 वाहक हैं।इसमें से दो हजार ड्राइवर हर दिन मुंबई महानगर में 1500 एसटी बसों से फेरी लगा रहे हैं। इसके अलावा मुंबई में सेवा के लिए एक हजार एसटी बसों पर चार हजार ड्राइवर, वाहक और मैकेनिक कार्य कर रहे हैं। एसटी निगम ने राज्य सरकार से कहा है कि वह उन ड्राइवरों को शामिल करे जो पिछले नौ महीने से एंटी-कोरोना फ्रंट कर्मचारियों के लिए टीकाकरण अभियान में ड्यूटी पर हैं।
वर्तमान में प्रति दिन 18 से 20 लाख यात्री 12 हजार एसटी में यात्रा कर रहे हैं। परिवहन मंत्री एसटी निगम के अध्यक्ष अनिल परब ने कहा कि एसटी के चालक भी कोरोना योद्धा हैं। उन्होंने कोरोना अवधि के दौरान अपना कर्तव्य बखूबी निभाया है। 16 जनवरी से शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान में उन्हें एक अग्रणी कर्मचारी के रूप में टीका लगाया जाना चाहिए।