पुणे। पुणे मनपा के महापौर मुरलीधर मोहोल ने शनिवार को कहा कि शहर में कोरोना वायरस की स्थिति को जैसा महाराष्ट्र सरकार प्रस्तुत कर रही है, वह गुमराह करने वाला है. सही तस्वीर सामने रखने के लिए पुणे महानगरपालिका (पीएमसी) बंबई उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर करेगी।
मोहोल ने एक बयान में कहा कि यह संभव है कि सरकार द्वारा पुणे में महामारी की स्थिति के बारे में उच्च न्यायालय में कुछ पुराने आंकड़े जमा किए गए हों। उन्होंने कहा कि लेकिन स्थिति अब बदल गई है। इसलिए लोगों के बीच डर एवं भ्रम फैलने से रोकने के लिए हमने उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर करने का फैसला किया है। हमारा मानना है कि पुणे शहर में सख्त प्रतिबंधों की जरूरत नहीं है।
उच्च न्यायालय ने पुणे जिले में “गंभीर स्थिति” का बृहस्पतिवार को संज्ञान लिया था और कहा था कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पुणे नगरपालिका आयुक्त को बृहन्मुंबई महानगरपालिका आयुक्त से ‘‘मार्गदर्शन” लेना चाहिए। अदालत ने सरकार से पुणे में पूर्ण लॉकडाउन लगाने पर भी विचार करने को कहा था। शुक्रवार को राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा था कि पुणे जिले में, पुणे शहर, पिंपरी-चिंचवड़ और ग्रामीण हिस्से आते हैं. यहां संक्रमण के आंकड़े भ्रमित करने वाले हो सकते हैं। मोहोल पुणे के महापौर हैं और उन्हें स्थिति के ब्योरे महाधिवक्ता को देने चाहिए और इससे उच्च न्यायालय को अवगत कराना चाहिए।