दिल्ली की राउज एवेन्यू की सेशन कोर्ट ने एम्स (AIIMS) के सुरक्षा गार्डों के साथ मारपीट मामले में AAP विधायक सोमनाथ भारती (Somnath Bharti) को दो साल की कैद की सजा सुनाई. कोर्ट ने सजा के आदेश को बरकरार रखा और उनकी अपील को खारिज कर दिया. अदालत द्वारा आदेश सुनाए जाने के तुरंत बाद सोमनाथ भारती को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया।
इससे पहले जनवरी महीने में कोर्ट ने AAP विधायक सोमनाथ भारती को सुनाई गई दो साल की सजा को ने निलंबित कर दिया था। मजिस्ट्रेट कोर्ट की तरफ से 23 जनवरी को सुनाई गई सजा के खिलाफ दायर अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश विकास ढल की अदालत ने यह निर्देश दिया था।
दरअसल, ये घटना 9 सितंबर 2016 की है. मामले में एम्स के मुख्य सुरक्षा अधिकारी आरएस रावत ने 10 सितंबर 2016 को एफआईआर (FIR) दर्ज कराई थी. आरएस रावत की शिकायत में कहा गया था कि 9 सितंबर की सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर सोमनाथ भारती अपने करीब तीन सौ समर्थकों के साथन नाला रोड के पास गौतम नगर में एम्स की बाउंड्री वाल को जेसीबी से तोड़ने लगे.
जब एम्स (AIIMS) के सुरक्षा अधिकारियों ने जब सोमनाथ भारती को मना किया तो उन्होंने कहा कि ये सार्वजनिक संपत्ति है. सोमनाथ से जब कागजात मांगे गए तो वे कोई कागजात नहीं दिखाए और सुरक्षाकर्मियों के साथ बदतमीजी और हाथापाई करने लगे. इसमें कुछ सुरक्षाकर्मियों को हल्की चोटें भी आईं.
अदालत ने विधायक को भारतीय दंड संहिता विभिन्न अपराधों के लिए दोषी ठहराया था जिनमें धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 353 (सरकारी कर्मचारी को उनके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला करना या आपराधिक बल का प्रयोग करना) और 147 (दंगा करना) शामिल हैं। अदालत ने AAP विधायक को सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने से रोकने की धारा 3 के तहत भी दोषी पाया। इन अपराधों में अधिकतम पांच साल जेल की सजा होती है।
इस मामले में अदालत ने भारती के सहयोगियों व सहअभियुक्तों जगत सैनी, दिलीप झा, संदीप सोनू और राकेश पांडे को बरी कर दिया था। यह मामला एम्स के मुख्य सुरक्षा अधिकारी आर.एस. रावत की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था। भारती ने अदालत से कहा था कि मामले में उन्हें झूठा फंसाने के लिए पुलिस अधिकारियों और अन्य गवाहों ने उनके खिलाफ गवाही दी थी।