महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को आज विशेष पीएमएलए कोर्ट ने 6 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है. वे कई दिनों से लापता रहने के बाद सोमवार सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर अचानक प्रवर्तन निदेशालय ऑफिस पहुंचे थे. जबरन वसूली और मनी लाॅड्रिंग के मामले में उनकी गिरफ्तारी सोमवार देर रात को हुई थी.
देशमुख से 13 घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. ईडी कार्यालय में रात बिताने के बाद देशमुख को मंगलवार सुबह करीब सवा 10 बजे अस्पताल ले जाया गया था.
अनिल देशमुख के आवेदन पर कोर्ट ने हिरासत के दौरान उन्हें घर का खाना और दवाई दिये जाने की इजाजत दे दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने उन्हें इस बात की इजाजत भी दी है कि अनिल देशमुख के वकील ईडी की पूछताछ के दौरान उनके साथ रहें.
अनिल देशमुख को ईडी ने पांच बार पूछताछ के लिए समन जारी किया था, लेकिन वह बीमारी और लंबी उम्र का बहाना बनाकर गायब थे. हर बार उनके वकील इंद्रपाल सिंह ही दफ्तर पहुंचते थे. उनकी दलील थी कि देशमुख 75 साल के हैं और महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से वे पेश नहीं हो सकते.
ईडी ने बताया कि देशमुख की तरफ से किसी भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा रहा था ऐसे में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. मंगलवार को कस्टडी के लिए उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. अनिल देशमुख का विवादों से पुराना नाता रहा है. वह भ्रष्टाचार के अलावा आय से अधिक संपत्ति रखने और गृहमंत्री रहते अपने पद का दुरुपयोग करने के मामले में भी आरोपी हैं.
करीब दो महीने पहले 17 सितंबर 2021 को अनिल देशमुख के मुंबई और नागपुर के कुछ ठिकानों पर छापा मारा था. 100 करोड़ की वसूली मामले की जांच हाथ में आते ही CBI की अलग-अलग टीमों ने अनिल देशमुख के मुंबई और नागपुर स्थित आवास और कार्यालयों और कॉलेज समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. इनमें नागपुर की टीम के हाथ महत्वपूर्ण सुराग लगे थे. सीबीआई कई बार देशमुख के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है.
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इनकम टैक्स विभाग ने भी अनिल देशमुख के खिलाफ कार्रवाई की थी. आईटी की टीमों ने नागपुर और मुंबई स्थित आवास और कॉलेज समेत कई ठिकानों पर दबिश दी थी. इसके साथ ही आयकर विभाग ने उनके करीबी और रिश्तेदारों के घर पर भी छापा मारा था.