चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के MMS कांड मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपी लड़का आरोपी लड़की को ब्लैकमेल कर रहा था. सोमवार को आरोपी लड़की के वकील संदीप शर्मा ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि आरोपी लड़की को एक लड़का ब्लैकमेल कर रहा था. वहीं एमएमएस वीडियो मामले में मोहाली कोर्ट द्वारा तीन आरोपियों को सात दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है. हालांकि पुलिस ने कोर्ट से 10 दिन की रिमांड मांगी थी.
इन सभी के मोबाइल फोन को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. बताया गया है कि इन मोबाइलों में से कुल दो वीडियो मिले हैं. इनमें से एक आरोपी लड़की का और दूसरा किसी अन्य लड़की का है.
इससे पहले चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में एमएमएस लीक केस के तीनों आरोपियों को मोहाली की खरार कोर्ट में पेश किया गया. इनमें से आरोपी लड़की को कल सबसे पहले गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद शिमला से लड़की के ब्वॉयफ्रेंड सन्नी मेहता को पुलिस ने हिरासत में लिया था. बाद में उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं रविवार देर रात शिमला के ढली थाना क्षेत्र से मामले में तीसरी गिरफ्तारी हुई थी. तीसरा शख्स 31 साल का एक युवक है.
जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी गठित
पंजाब पुलिस ने चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में एक छात्रा द्वारा कई छात्राओं के आपत्तिजनक वीडियो बनाए जाने के आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जिसकी सभी सदस्य महिला हैं. पुलिस ने बताया कि भारतीय पुलिस सेवा की वरिष्ठ अधिकारी गुरप्रीत कौर देव की निगरानी में एसआईटी का गठन किया गया है.
पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने कहा कि टीम मामले की गहन जांच करेगी और इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा, जांच पूरी गति से चल रही है. उन्होंने कहा, ‘जांच तेजी से आगे बढ़ रही है.’ इस मामले में एक छात्रा समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
छात्रों ने किया भारी प्रदर्शन
पंजाब के मोहाली स्थित चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की कई छात्राओं के आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड किए जाने के आरोपों की निष्पक्ष एवं पारदर्शी जांच का जिला प्रशासन एवं पुलिस द्वारा भरोसा दिलाए जाने के बाद छात्रों ने सोमवार तड़के अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया.
दो वार्डन निलंबित
विश्वविद्यालय ने सोमवार को लापरवाही के आरोप में दो वार्डन को निलंबित कर दिया. विश्वविद्यालय के सूत्रों ने कहा कि छात्रावास के समय जैसे कुछ मुद्दों को हल करने के लिए विद्यार्थियों और वरिष्ठ अधिकारियों की एक संयुक्त समिति का गठन किया गया है. यह कदम विद्यार्थियों के शौचालय क्षेत्र में अधिक गोपनीयता और छात्रावास के समय में छूट की मांग के बाद उठाया गया है.
24 सितंबर तक अवकाश
विवाद के बाद विश्वविद्यालय ने 24 सितंबर तक छुट्टी की घोषणा कर दी. जिसके बाद कई छात्रों को अपने घरों को लौटते देखा गया. कुछ अभिभावक भी परिसर से अपने बच्चों को वापस ले गए.