प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किए गए दिल्ली सरकार के मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) को 9 जून तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है। यह फैसला दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने अपने फैसले में दिया है। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले को लेकर सत्येंद्र जैन की कस्टडी की मांग की थी।
सोमवार को ED ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री को हवाला से जुड़े एक केस में गिरफ्तार किया था। जैन के ऊपर 4.81 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है। जानकारी के अनुसार, ईडी का कहना है कि जैन उनके खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में केंद्रीय जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं कर रहे थे। जैन को इस मामले में कथित तौर पर शामिल बताया जा रहा है।
ED का कहना है, “हमे 14 दिन की हिरासत इसलिए चाहिए क्युंकि हमे जांच करनी है कि हवाला के जरिये आने वाला पैसा सत्येंद्र जैन का था या किसी और का, जैन ने मौजूदा साक्ष्यों पर कोई भी संतोष जनक जवाब नहीं दिया है।”
ईडी ने कहा कि इस मामले में सत्येन्द्र जैन को अंतरिम जमानत भी नहीं दी जानी चाहिए। अगर सत्येन्द्र जैन को जमानत मिलेगी तो वो सुबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। ईडी ने कहा कि इस मामले जो अहम सबूत मिले हैं उस मामले में सत्येन्द्र जैन से कांफ्रेंट करवाना है।
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य, गृह और बिजली सहित विभिन्न विभागों को संभालने वाले जैन को मंगलवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था। जैन की ओर से वरिष्ठ वकील एन. हरिहरन पैरवी कर रहे हैं, जबकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता केंद्रीय एजेंसी की ओर से पेश हुए।
इस संबंध में कुछ देर पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी सरकार के मंत्री सत्येन्द्र जैन की गिरफ्तारी पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि यह पूरा मामला फर्जी है। उन्हें राजनीतिक कारणों से केंद्र सरकार ने गिरफ्तार कराया है। केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार और आम आदमी पार्टी बेहद ईमानदार है भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करती है।
केजरीवाल ने कहा कि मैंने जैन के मामले पर गौर किया है। यह पूरी तरह से फर्जी और राजनीति से प्रेरित है। उन्हें जानबूझकर फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि हमें न्यायपालिका पर भूरा भरोसा है। जैन सत्य के मार्ग पर चल रहे हैं और पाक साफ साबित होंगे।
ईडी की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के 2017 के एक मामले पर आधारित है, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि ‘आप’ नेता और उनकी पत्नी पूनम जैन ने फरवरी 2015 और मई 2017 के बीच ₹1.47 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की थी। यह उनकी आय के ज्ञात स्रोतों के दोगुने से भी अधिक थी।