उत्तरप्रदेश के लखीमपुर हिंसा मामले (Lakhimpur Kheri violence Case) में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने केंद्रीय गृह मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे लखीमपुर के आरोपी आशीष मिश्रा टेनी की जमानत पर सुनवाई कर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है.
सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है, लेकिन हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. फैसला अगले दो तीन दिन में आयेगा. आशीष मिश्रा की तरफ से गोपाल चतुर्वेदी और सरकार की तरफ से एएजी विनोद कुमार शाही ने पक्ष रखा. जांच एजेंसी की ओर से पेश वकील ने जमानत याचिका खारिज करने की मांग की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
आशीष मिश्रा 14 अक्टूबर को अपने साथियों के साथ गिरफ्तार होने के बाद से जेल में है. बता दें कि लखीमपुर हिंसा मामले में कुछ दिनों पहले ही 5000 पन्नों की चार्जशीट फायल की थी. जिसमें आशीष मिश्रा उर्फ मोनू भइया को मुख्य आरोपी बताया गया है. आशीष के अलावा इस कांड में कुल 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है.
क्या है मामला
बीते साल 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर के तिकुनियां कस्बे में केशव प्रसाद मौर्य का विरोध कर रहे किसानों पर कथित तौर पर बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र से जुड़े लोगों ने गाड़ियां चढ़ा दी थीं. इस हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई थी. दरअसल एक न्यूज चैनल के रिपोर्टर रमन कश्यप की लखीमपुर खीरी हिंसा में मौत हो गई थी. जिसके बाद किसानों ने भी कई वाहनों में आग लगा दी थी और कारों में सवार तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. चार्जशीट में बताया गया कि इस मामले में आशीष मिश्रा भी आरोपी है. उनपर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. जांच में एसआईटी को 17 वैज्ञानिक साक्ष्य, सात भौतिक साक्ष्य और 24 वीडियो फोटो हैं