ईडी (Enforcement Directorate) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को फिर समन भेजा है. जांच एजेंसी ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री को 18 अगस्त को मुंबई के ईडी दफ्तर में सुबह 11:00 बजे पेश होने के लिए कहा है. ईडी ने अनिल देशमुख के खिलाफ यह पांचवा समन भेजा है.
इससे पहले ईडी चार बार अनिल देेशमुख के खिलाफ समन भेज चुकी है. लेकिन अनिल देशमुख एक बार भी ईडी के सामन पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए. इससे पहले उन्होंने कभी अपने स्वास्थ्य, उम्र, कोरोना का हवाला देकर पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए तो कभी ईडी से यह सवाल कर के हाजिर नहीं हुए कि ईडी को जिस बारे में पूछताछ करनी है, उसकी सूची भेजी जाए.
बता दें कि इससे पहले ईडी ने अनिल देशमुख के बेटे ऋषिकेश देशमुख और उनकी पत्नी को भी समन भेजा था. बीते सोमवार को भी एनसीपी नेता को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से कोई भी राहत नहीं मिली है. अब जब सुप्रीम कोर्ट से अनिल देशमुख को कोई भी राहत नहीं मिली है, अब इसके बाद जांच एजेंसी ईडी ने एक बार फिर अनिल देशमुख को पांचवा समन जारी कर कर उन्हें एडी दफ्तर में पेश होने को कहा है.
देशमुख ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पिटीशन डाली थी कि उनके खिलाफ जो मामला दर्ज किया गया है उसमें उन्हें राहत दी जाए और गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राहत नहीं दी. कोर्ट ने कहा कि कानूनी प्रावधानों में रह कर ही कानूनी उपाय किए जा सकते हैं. प्री अरेस्ट बेल के लिए वे मुंबई के स्थानीय न्यायालय में अपील करें. इस बारे में स्थानीय अदालत ही फैसले लेती है. सुप्रीम कोर्ट इसमें उनकी कोई मदद नहीं कर सकता.
इससे पहले ईडी ने अनिल देशमुख के कई ठिकानों पर छापेमारी कर 4.20 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. ईडी ने दावा किया था कि अनिल देशमुख ने बार मालिकों से पुलिस अधिकारी सचिन वाजे द्वारा 4.70 करोड़ रुपए की वसूली करवाई. सचिन वाजे ने यह रकम उन्हें दी. इस रकम को अनिल देशमुख ने अपने बिजनेस में इंवेस्ट किया.
बता दें कि मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर आरोप लगाया था कि वे गृहमंत्री के पद पर रहते हुए मुंबई के पुलिस अधिकारियों का इस्तेमाल होटल और रेस्टॉरेंट मालिकों से 100 करोड़ की वसूली के लिए कर रहे थे. परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम पत्र लिखकर देशमुख पर निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे से जबरन वसूली के लिए कहने के आरोप लगाए थे.