एनसीआरबी ने जारी किए आंकड़े
मुंबई। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉस्को) अधिनियम, 2012 के तहत दर्ज किए गए सबसे अधिक मामलों वाले राज्यों की सूची में महाराष्ट्र शीर्ष पर है। इस नई रिपोर्ट में केवल 2017 से 2019 तक के बीच के मामलों को ही शामिल किया गया है।
एनसीआरबी के अनुसार कुल 8,503 मामलों के साथ लगभग 50 प्रतिशत मामलों में नाबालिगों को ऑनलाइन संपर्क के माध्यम से लोगों से मिलने का लालच दिया गया, उसके बाद नाबालिगों का यौन शोषण किया या शादी का वादा करके यौन संबंध बनाया गया।
एनसीआरबी की रिपोर्ट में कहा गया कि महाराष्ट्र में नाबालिगों के साथ दुर्व्यवहार के मामले बढ़ते जा रहे हैं, 2017 में 2,398 मामले और 2018 में 2,944 मामले और 2019 में 3,161 मामले दर्ज किए गए हैं। रिपोर्ट में उन घटनाओं को भी उजागर किया गया है, जिनमें नाबालिग अपने ही पड़ोस, दोस्तों या यहां तक कि परिवार के सदस्यों से सुरक्षित नहीं हैं।
राज्यों की सूची में पॉस्को अधिनियम के तहत दर्ज 6,978 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। इसके बाद मध्य प्रदेश में 5,348 मामले, कर्नाटक में 4,339 मामले और गुजरात में 4,228 मामले हैं। 2020 में दर्ज मामलों की संख्या के लिए अभी तक कोई डेटा उपलब्ध नहीं है, इसलिए आंकड़े 2019 तक ही उपलब्ध हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे कमजोर लोग 16 से 18 साल की उम्र के बीच के हैं, जो 12-16 साल, 6-12 साल की उम्र के बाद आते हैं और कुछ मामलों में छह साल से कम उम्र के बच्चे भी हैं। संयुक्त पुलिस आयुक्त यशस्वी यादव ने कहा कि नाबालिग ऑनलाइन अजनबियों के साथ दोस्त बन जाते हैं, और उनके जाल में फंस जाते हैं।