सुप्रीम कोर्ट द्वारा गिरफ्तारी पर रोक लगाने के बाद मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह गुरुवार को शहर पहुंचे हैं. परमबीर सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं अदालत के निर्देशानुसार जांच में शामिल होऊंगा.” परम बीर सिंह मुंबई पहुंचते ही गोरेगांव कथित रंगदारी मामले की जांच में शामिल होने कांदिवली स्थित क्राइम ब्रांच यूनिट 11 के दफ्तर पहुंचे.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के दबाव के बाद मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने बुधवार को खुलासा किया था कि वह चंडीगढ़ में हैं और जल्द ही मुंबई जाएंगे. उन्होंने कहा था कि मेरी जान को खतरा है इसलिए मैं यहां हूं. वहीं पुलिस व कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण के सवाल पर उन्होंने कहा था कि मैंने अभी अपने अगले कदम के बारे में निर्णय नहीं लिया है. हालांकि अब वे जांच में सहयोग करने के लिए मुंबई पहुंच गए हैं.
दो दिन पहले ही मुम्बई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने परमबीर सिंह के मुम्बई के दोनों घर के दरवाजों पर proclaimed offender (घोषित अपराधी) का नोटिस चिपकाया था. मंगलवार (23 नवंबर) को चस्पा किए गए इस नोटिस में परमबीर सिंह को 30 दिन के भीतर जांच एजेंसी या फिर अदालत के सामने हाजिर होने को कहा गया था.
इससे पहले परमबीर सिंह के वकील ने पूर्व पुलिस कमिश्नर के देश छोड़कर भागने के आरोपों को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वो देश मे ही हैं और उनकी जान को खतरा है इसलिए छुपे हुए हैं. परमबीर सिंह के वकील ने 48 घन्टे के भीतर जांच में शामिल होने का दावा भी किया था. परमबीर की अर्जी पर उनकी गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा रखी है.
परमबीर सिंह पर जबरन उगाही करने के आरोप हैं. 22 जुलाई को मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन ने परमबीर सिंह समेत पांच अन्य पुलिसकर्मियों और दो अन्य लोगों के खिलाफ एक बिल्डर से कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये मांगने के आरोप में केस दर्ज किया था. आरोप है कि आरोपितों ने एक-दूसरे की मिलीभगत से शिकायतकर्ता के होटल और बार के खिलाफ कार्रवाई का डर दिखाकर 11.92 लाख रुपये की उगाही की.