राजस्थान के हनुमानगढ़ में गोकशी को लेकर शुरू हुआ विवाद और गहरा गया है। पुलिस और आंदोलनकारी ग्रामीणों में संघर्ष के बाद दो गांवों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इंटरनेट बंदी के साथ पूरे एरिया में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। संदिग्धों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। पथराव-लाठीचार्ज में पुलिस और आंदोलनकारी घायल हुए हैं।
इस सिलसिले में पुलिस ने 45 लोगों को हिरासत में लिया है। करीब तीस से भी ज्यादा बड़े वाहन जब्त किए गए हैं। कुछ हथियार, लाठी, सरिए, डंडे भी बरामद किए जाने की खबर आ रही है। इस पूरे मामले को लेकर अब पुलिस बड़े स्तर पर मुकदमें दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
दरअसल, चिड़ियागांधी गांव में 21 जुलाई से ही माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। ग्रामीणों का आरोप है कि ईद के मौके पर यहां गोकशी की गई। उसकी पुष्टि भी एफएसएल की रिपोर्ट में हो चुकी है। इसके बाद से यहां धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है, लेकिन मंगलवार को आंदोलनकारियों को धरना स्थल से खदेड़ने के बाद माहौल बिगड़ गया है।
बताया जाता है कि ग्रामीणों ने बुधवार दोपहर को रैली निकाली तो धारा-144 का उल्लंघन होने पर पुलिस के बल प्रयोग से माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस पथराव के बाद लाठीचार्ज हुआ और आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। इसके बाद गांधीबड़ी व चिड़ियागांधी गांवों में कर्फ्यू लगाकर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में 43 जनों के खिलाफ केस दर्ज करने के साथ करीब 45 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।
पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच हुई लाठीचार्ज-पथराव में भिरानी थानाधिकारी ओमप्रकाश सुथार के सिर पर चोट लगी, जबकि एक अन्य ग्रामीण भी चोटिल हो गया। संघर्ष की सूचना पर कलेक्टर नथमल डिडेल और एसपी डॉ. अजयसिंह भी गांधीबड़ी पहुंचे। आसपास के कई थानों एवं पुलिस लाइन से अतिरिक्त फोर्स बुलाकर इलाके में तैनात कर दिया गया है.
हनुमानगढ़ के चिड़ियागांधी में 10 जुलाई को ईद पर गोकशी का मामला सामने आया था। प्रशासन की ओर से दावा किया गया था कि गौ-हत्या नहीं हुई है। सैंपल लैब में भेजे गए तो एफएसएल रिपोर्ट में गोकशी की पुष्टि हुई। इस पर गांववालों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई। इसके बाद 21 जुलाई से ही क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है।