कंझावाला मामला में जिस सातवें आरोपी अंकुश की दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को तलाश थी, उसने शुक्रवार शाम पुलिस के सामने सुल्तानपुरी थाने में सरेंडर कर दिया। अंकुश को एक्सीडेंट की पूरी कहानी पता थी. वो आरोपी अमित का भाई है. गाड़ी अमित ही चला रहा था, लेकिन उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था. इस कारण अंकुश ने ड्राइवर के तौर पर दीपक को प्लांट किया.
दिल्ली पुलिस ने कंझावला इलाके में कार से युवती को टक्कर मारने के बाद वाहन से घसीटने से हुई मौत के मामले में एक और यानी छठवें आरोपी को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपी की पहचान आशुतोष के तौर पर की है. आशुतोष ने पुलिस को गलत जानकारी दी थी. इस पर आरोप है कि उसने पांचों आरोपियों को कार दी थी.
वहीं, दिल्ली की अदालत ने कंझावला मामले में गिरफ्तार छठे आरोपी को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. पुलिस ने आशुतोष को दिन में गिरफ्तार कर लिया था. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सान्या दलाल ने दिल्ली पुलिस द्वारा पांच दिन की रिमांड मांगे जाने के बाद उन्हें तीन दिन की हिरासत में पूछताछ की अनुमति दी.
इससे पहले मामले में पुलिस ने पहले दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था. सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और कॉल डिटेल के रिकॉर्ड के आधार पर पुलिस को दो और लोगों-आशुतोष और अंकुश खन्ना की संलिप्तता के बारे में पता चला था, जो आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे.
सुल्तानपुरी पुलिस थाने ने दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन और मनोज मित्तल के खिलाफ आपराधिक साजिश, गैर इरादतन हत्या और लापरवाही से वाहन चलाने से मौत सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है. अदालत ने बृहस्पतिवार को पांचों आरोपियों की पुलिस हिरासत की अवधि चार दिन के लिए बढ़ा दी थी.
गौरतलब है कि 31 दिसंबर-एक जनवरी की दरमियानी रात पीड़िता अंजलि सिंह (20) की स्कूटी को कार ने टक्कर मारी थी और उन्हें घसीटते हुए 12 किलोमीटर तक ले गए थे जिससे उनकी मौत हो गई थी. उनका शव कंझावला में सड़क पर मिला था.