श्रद्धा मर्डर केस में आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का नार्को टेस्ट होगा। आरोपी आफताब पुलिस को जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। वह बीते कई दिनों से पुलिस को गुमराह करते हुए अपना बयान कई बार बदल चुका है। ऐसे में अब मामले का सच सामने लाने के लिए दिल्ली पुलिस आज आफताब का नार्को टेस्ट करेगी।
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के अंबेडकर अस्पताल में यह टेस्ट होगा। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने 50 सवालों की लिस्ट तैयार की है। टेस्ट के दौरान फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) टीम भी मौके पर मौजूद रहेगी।
कोर्ट के आदेश पर रोहिणी स्थित फारेंसिक साइंस लैब में आरोपित आफताब के नार्को टेस्ट के बाद 22 नवंबर को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पेशी के दौरान पुलिस जांच के लिए और समय मांग सकती है और रिमांड बढ़ाने की अपील कर सकती है। हालांकि थाना पुलिस को इस दौरान अधिकतम चार दिन की ही रिमांड मिल पाएगी।
श्रद्धा के शव के टुकड़ों को तलाशने के लिए पुलिस दिल्ली के छतरपुर के साथ-साथ गुरुग्राम के जंगलों में रोजाना पहुंच रही है। शनिवार व रविवार की रात को भी लाशी अभियान चला। 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी श्रद्धा के शरीर के बाकी टुकड़ों को ढूंढने में लगे रहे। लेकिन अभी तक पुलिस को किसी तरह सफलता नहीं मिली है।
जांच के दौरान मुस्कुराता रहा आरोपी
आरोपी को महरौली के जंगलों में शनिवार की रात तलाशी अभियान के दौरान ले जाया गया था। इस दौरान वह पूरे समय मुस्कुराता रहा। दक्षिण जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वह जंगल में तलाशी अभियान के दौरान पुलिसकर्मियों से नॉर्मल तरीके से बात कर रहा था, मानो कुछ हुआ ही न हो। इससे पुलिसकर्मी भी हैरान है।
क्यों कराया जाता है नार्को टेस्ट?
गौरतलब है कि नार्को टेस्ट अमूमन हत्या से जुड़े मामले में होता है, जिसकी मदद से बेहद हाईप्रोफाइल या उलझा देने वाले मामलों की जांच में मदद मिलती है। श्रद्धा मर्डर केस में भी दिल्ली पुलिस कई सवालों के जवाब लेने के बाद या इसके जरिये जांच में तेजी ला सकती है।
नार्को टेस्ट किसी भी जांच में सबूतों की तलाश में आरोपित से वैज्ञानिक पूछताछ होती है। यह टेस्ट के दौरान आरोपित व्यक्ति को ट्रुथ सीरम नाम का इंजेक्शन लगाया जाता है। इसके बाद व्यक्ति आधी बेहोशी हालत में पहुंच जाता है और उसका दिमाग शून्य हो जाता है। ऐसी स्थिति में सवालों के जवाब हासिल करना आसान होता है।