नवाब मलिक और देवेंद्र फडणवीस के बीच चल रहे आरोप प्रत्यारोप में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का नाम शामिल हो गया है. नवाब मलिक ने आरोप लगाया है कि अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम से संबंध रखने वाले रियाज़ भाटी को बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपना संरक्षण दिया था.
एक तरफ नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ रियाज़ भाटी की तस्वीरें जारी की हैं तो दूसरी ओर बीजेपी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शरद पवार और महाविकास अघाड़ी के नेताओं के साथ रियाज़ भाटी की तस्वीरें साझा की हैं.
ऐसे में सवाल यही है सत्ता और विपक्ष दोनों तरफ़ के लोगों के साथ रिश्ते रखने वाले रियाज़ भाटी का वाक़ई में दाऊद इब्राहिम से कोई लेना देना है? इससे भी दिलचस्प सवाल यह है कि इतने हाई प्रोफ़ाइल लोगों तक पहुँच रखने वाले रियाज़ भाटी आख़िरकार हैं कौन?
कौन हैं रियाज़ भाटी?
भाटी पर अंडरवर्ल्ड से जुड़े होने के आरोप पिछले कई साल से लग रहे हैं, पर बहुत कम केसों में उस पर मकोका जैसा कानून लगाया गया, जो अमूमन अंडरवर्ल्ड से जुड़े आरोपियों पर लगता है. इसी से स्पष्ट है कि उसने किस तरह पुलिस में कुछ बड़े अधिकारियों को मैनेज किया या पुलिस को मैनेज करने के लिए बड़े राजनेताओं को मैनेज किया.
उस पर डी कंपनी का आदमी होने का आरोप लगा है। डी कंपनी का मतलब है -दाऊद इब्राहिम का गैंग , लेकिन जब पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा और दया नायक अंधेरी सीआईयू में थे, तब उसे इन दोनों अधिकारियों ने छोटा राजन गैंग से जुड़ी किसी मर्डर की साजिश में गिरफ्तार किया था.
मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच के रिटायर्ड ऑफ़िसर विनायक सावड़े कहते हैं, ”रियाज़ भाटी छोटा राजन के गैंग में था. लेकिन उसके साथ रहने के बाद उसने छोटा शकील के लिए काम करना शुरू कर दिया.” उन्होंने यह भी बताया, ”रियाज़ भाटी पर ज़मीन हथियाने, रंगदारी वसूलने और फ़ायरिंग के आरोप हैं.”
मुंबई पुलिस के कई पूर्व अधिकारियों को मुताबिक रियाज़ भाटी शार्प शूटर का काम नहीं करते बल्कि वह लोगों को धमकाकर रंगदारी वसूलने का काम करते रहे हैं. वैसे दिलचस्प यह है कि रियाज़ भाटी मुंबई की राजनीति, खेल और भवन निर्माण के कारोबार में दख़ल रहा है. अंधेरी, ओशिवारा के पश्चिमी उपनगरों में वे एक बिल्डर के रूप में जाने जाते हैं.
खेल की दुनिया से भी उनका जुड़ाव रहा है. मुंबई के एक वरिष्ठ खेल पत्रकार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “2013 में विल्सन कॉलेज ने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के सदस्य के रूप में भाटी की सिफ़ारिश की थी, जिस पर काफ़ी विवाद हुआ था.” इसका विरोध मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन और बीसीसीआई के पूर्व अधिकारी प्रोफेसर रत्नाकर शेट्टी ने किया था. हालांकि इसके बाद भी रियाज़ मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़ गए.
रियाज़ भाटी इंडियन स्पोर्ट्स एकेडमी भी चलाते हैं, जिसके बारे में रियाज़ भाटी डॉट कॉम पर जानकारी मौजूद है. इसका ऑफिस मुंबई के अंधेरी इलाके में है. इतना ही नहीं रियाज़ भाटी भारतीय जिम्नास्टिक एसोसिएशन के अधिकारी भी रह चुके हैं.
परमबीर सिंह मामले में आया नाम
इस साल परमबीर सिंह मामले में रियाज़ भाटी का नाम आया था. मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ रंगदारी मांगने का मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में रियाज़ भाटी के ख़िलाफ़ भी प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
मुंबई क्राइम ब्रांच ने फिरौती मामले में पूछताछ के लिए रियाज़ भाटी को तलब किया था लेकिन भाटी पूछताछ में शामिल हुए बिना ही फ़रार हो गए. रियाज़ भाटी ने ज़मानत के लिए अर्ज़ी ज़रूर दी थी लेकिन कोर्ट ने उनकी अर्ज़ी ख़ारिज कर दी थी. इन दिनों मुंबई पुलिस उनकी तलाश में जुटी है.
रियाज़ भाटी के पास दो अलग-अलग नाम के पासपोर्ट मिले थे
नवाब मलिक ने बुधवार को अंडरवर्ल्ड से रिश्ते का आरोप लगाकर रियाज भाटी का जिक्र किया और आरोप लगाया कि उसके पास दो अलग-अलग नाम के पासपोर्ट मिले थे, फिर भी उसे दो दिन के बाद जमानत पर छोड़ दिया गया. नवाब मलिक पासपोर्ट से जुड़े जिस केस का जिक्र कर रहे थे, वह छह साल पहले का है. हां, रियाज भाटी तब दो नहीं, बल्कि पांच दिन पुलिस कस्टडी में रहा था. उसे 29 अक्टूबर 2015 को गिरफ्तार किया गया था. उसे तब 2 नवंबर तक पुलिस कस्टडी मिली थी.
भाटी का पहला पासपोर्ट (G3128659) फूलजी भाटी के नाम से जयपुर में जून, 2007 में बना था. उसके इस पासपोर्ट में उसका जन्म दिन 12 जून, 1968 लिखा था. उसका दूसरा पासपोर्ट (Z2479378)उसके मूल नाम रियाज भाटी के नाम से ही बना था. यह पासपोर्ट जयपुर में मार्च, 2013 में जारी किया गया था. इस पासपोर्ट में उसका बर्थ डेट लिखी है-19 फरवरी, 1962. मतलब दोनों पासपोर्ट में उसके जन्म में छह साल का अंतर है. उसके पहले पासपोर्ट की फोटो में उसकी मूंछ थीं, जबकि दूसरे पासपोर्ट में मूंछ गायब थी.