केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने यस बैंक धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई की है. सीबीआई ने मुंबई और पुणे में शनिवार को मामले से संबंद्ध संदिग्ध लोगों के आठ ठिकानों और कार्यालयों पर छापे मारे. इस मामले में CBI शाहिद बलवा और विनोद गोयनका के परिसरों की तलाशी ले रही है. इसकी जानकारी एक आधिकारी ने दी है. इस छापेमारी के दौरान इनके ठिकाने से कई दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं.
मामले को लेकर एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने डीएचएफएल-यस बैंक मामले में मुंबई और पुणे में आठ स्थानों पर तलाशी ली है. डीएचएफएल-यस बैंक मामले में शाहिद बलवा और विनोद गोयनका के परिसरों की तलाशी सीबीआई ले रही है.
जानकारी के मुताबिक, CBI की अलग-अलग टीमों ने ये कार्रवाई की है. एक ओर जहां पुणे में बिल्डर विनोद गोयनका के ठिकानों पर छापा मारा गया है, तो दूसरी ओर मुंबई में CBI के अधिकारियों ने शाहिद बलवा और अविनाश भोसले के आवास और कार्यालयों पर तलाशी अभियान चलाया है. CBI ने छाबड़िया की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में अपनी कार्रवाई तेज कर दी है.
बिल्डर संजय छाबड़िया गिरफ्तार
गौरतलब है कि हाल ही में सीबीआई ने इस मामले से जुड़े बिल्डर संजय छाबड़िया को भी गिरफ्तार किया था. मुंबई की एक विशेष अदालत ने 29 अप्रैल को यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में महानगर के रियल स्टेट कारोबारी संजय छाबड़िया को छह मई तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया. सीबीआई ने गुरुवार को रेडियस डेवलपर्स के छाबड़िया को गिरफ्तार किया था.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने छाबड़िया को विशेष न्यायाधीश एस एच ग्वालानी के समक्ष पेश किया और मामले की आगे की जांच के लिए उनकी 14 दिन की हिरासत मांगी. सीबीआई ने कहा कि उनकी हिरासत की आवश्यकता है क्योंकि अपराध गंभीर है और जांच एक महत्वपूर्ण चरण में है. मामले की जांच के दौरान छाबड़िया की आपराधिक संलिप्तता मामले में आरोपी के रूप में सामने आयी थी.
छाबड़िया ने डीएचएफएल के कपिल वधावन और राणा कपूर द्वारा स्थापित यस बैंक द्वारा उनकी कंपनियों को मंजूर किए गए 3,094 करोड़ रुपये के ऋण में कथित तौर पर हेराफेरी की. इस मामले में कपूर और वधावन दोनों आरोपी हैं. दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.
क्या है मामला
सीबीआई ने कथित भ्रष्टाचार के आरोप में कपूर और वधावन समेत अन्य के खिलाफ 2020 में मामला दर्ज किया था. एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कपूर ने डीएचएफएल को यस बैंक के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए वधावन के साथ एक आपराधिक साजिश रची थी.
एजेंसी के अनुसार कपूर ने ऐसा खुद के लिए और अपने परिवार के सदस्यों को उनकी कंपनियों के माध्यम से अनुचित लाभ के बदले किया था. सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, घोटाला अप्रैल और जून 2018 के बीच शुरू हुआ था जब यस बैंक ने डीएचएफएल के अल्पकालिक डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था.
इसके अनुसार इसके बदले, वधावन ने कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को ऋण के रूप में ‘‘600 करोड़ रुपये की रिश्वत का कथित तौर पर भुगतान” किया था. एजेंसी ने आरोप लगाया कि कपूर की बेटियां – रोशनी, राधा और राखी – मोगरन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से डीओआईटी अर्बन वेंचर्स की 100 प्रतिशत शेयरधारक हैं.