वकीलों की याचिका पर अदालत का सुझाव, रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजने का निर्देश
मुंबई- लॉकडाउन के बाद जारी अनलॉक-5 में लोकल ट्रेंनों की फेरियों को बढ़ाने की कवायद को लेकर अब अदालत भी सकारात्मक हो गयी है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से लोकल ट्रेनों की फेरियां बढ़ाने को कहा हैं। हाई कोर्ट ने वकीलों द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनावई करते हुए बुधवार को कहा कि राज्य सरकार धीरे-धीरे तालाबंदी में ढील दे रही है, इसलिए सरकार को लोकल ट्रेनों की फेरियों की संख्या भी बढ़ानी चाहिए। चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और गिरीश कुलकर्णी की पीठ ने यह बात कही।
हाईकोर्ट के वकीलों द्वारा दायर की गई याचिका में मांग की गई है कि वकीलों को भी लोकल ट्रेनों से यात्रा करने की अनुमति मिलनी चाहिए। इस पर पीठ ने कहा कि राज्य में 5वें चरण का अनलॉक चल रहा है। इसके तहत 50 फीसदी क्षमता के साथ मॉल, रेस्तरां और होटल शुरू करने की अनुमति दी गई है।सरकारी कार्यालयों में भी 100 प्रतिशत क्षमता के साथ कामकाज चल रहा है. साथ ही निजी कार्यालय भी शुरू हो गए हैं। इसलिए अब लोकल ट्रेनों की फेरियों की संख्या में भी वृद्धि होनी चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा कि भीड़ से बचने के लिए पश्चिम, मध्य और हार्बर रेलवे पर लोकल सेवा को बढ़ाना आवश्यक है।
सरकार से उम्मीद, बार असोसिएशन से सुझाव
अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि इस सुझाव पर विचार करें और रेलवे प्रशासन को इस बाबत प्रस्ताव भेजें। अदालत ने मुंबई, ठाणे, रायगढ़ और पालघर के प्रत्येक बार एसोसिएशन को निर्देश दिया कि वे शुक्रवार तक यह प्रस्तुत करें कि उनके कितने वकील अदालत में पेश होने और लोकल ट्रेनों से यात्रा करने के लिए तैयार हैं। कोर्ट ने आगे कहा कि हम राज्य सरकार और रेलवे को लोकल की संख्या अथवा फेरियों की संख्या बढ़ाने का आदेश नहीं दे सकते। लेकिन हमें आशा ही नहीं बल्कि विश्वास है कि हमने जो कहा है उस पर हमें सकारात्मक जवाब मिलेगा। हमारी यह बात केवल वकीलों या उनके कर्मचारियों के लिए ही नहीं बल्कि आम लोगों के लिए भी है। वर्तमान में दिन भर में मध्य रेलवे की 431 और वेस्टर्न रेलवे की 512 लोकल फेरी लगा रही हैै।