मुंबई, निजी अस्पतालों में कोरोना के नाम पर होने वाले मनमाने टेस्टिंग रेट पर राज्य सरकार ने नकेल कसने का फैसला किया है। इसके साथ ही कोरोना रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। मरीजों की सुविधा को देखते हुए निजी अस्पतालों में कोरोना परीक्षण दर कम करने का निर्णय लिया गया है। जबकि सरकारी अस्पतालों में मुफ्त जांच की जा रही है। सरकार ने कोरोना रोगियों के लिए सीटी स्कैन की दरें निर्धारित की है। अब किसी भी अस्पताल या सीटी स्कैन केंद्र में सीटी स्कैन के लिए मरीजों से 2,000 से 3,000 रुपये से अधिक का शुल्क नहीं लिया जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे की पहल पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ.प्रदीप व्यास, महात्मा फुले जन आरोग्य योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सुधाकर शिंदे की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। इस समिति में शिव अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अनघा जोशी, स्वास्थ्य निदेशक साधना तायड़े और जे. जे. अस्पताल अधीक्षकों का समावेश है। एक सप्ताह के भीतर समिति सीटी स्कैन के लिए संशोधित दरों की घोषणा करेगी। डॉ. शिंदे के अनुसार समिति ने 16 स्लाइस सीटी स्कैन के लिए 2,000 रुपये की दर तय की है। इसके अलावा, एक मशीन द्वारा 16 से 64 स्लाइस की क्षमता और 64-स्लाइस के लिए 3,000 रुपये में किए गए सीटी स्कैन के लिए दर 2,500 रुपये तय की है। समिति ने सीटी स्कैन सुविधाओं के साथ अस्पतालों और केंद्रों के साथ गहन विचार-विमर्श करने के बाद इसका निर्णय लिया। राज्य में हर दिन लगभग 20,000 से 24,000 कोरोना रोगी सामने आ रहे हैं। इनमें से अधिकांश रोगियों को उनके डॉक्टरों द्वारा सीने में संक्रमण और निमोनिया की शिकायत पर सीटी स्कैन का सुझाव दिया जाता है। इसके लिए केंद्र 3,500 रुपये से 7,000 रुपये तक वसूलते हैं। इसको लेकर मरीजों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों ने भी आवाज उठाई थी।