योग का अर्थ अब लोगों ने उसी उछल-कूद को मान लिया है, जो टीवी पर बाबाओं के द्वारा दिखाई जाती है। लेकिन भारतीय प्राचीन शास्त्रों के अनुसार योग एक तरह की साधना है और हिंदू धर्म में तो इसे ईश्वर प्राप्ति के एक मार्ग के रूप में भी बताया गया है। योग शास्त्र में आसनों और प्राणायाम के अलावा मुद्राओं का भी जिक्र है। ये मुद्राएं व्यक्ति को जीवन के पांच मूल तत्वों अग्नि, जल, आकाश, पृथ्वी और वायु से गहरा रिश्ता कायम करने में मदद करती हैं। इसके अलावा भी इनके ढेर सारे स्वास्थ्य लाभ हैं। ऐसी ही एक योग मुद्रा है पृथ्वी मुद्रा जिसे झड़ते बालों को रोकने के लिए और नए बालों को उगाने के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इस योग मुद्रा को अग्नि शामक मुद्रा भी कहते हैं। चूंकि आजकल युवाओं में बहुत कम उम्र में ही बालों का झड़ना, टूटना और गंजापन आम हो गया है, इसलिए हम आपको बता रहे हैं पृथ्वी मुद्रा के अभ्यास का तरीका और इसके फायदे, ताकि आप प्रचीन ऋषियों-मुनियों के द्वारा बताई गई योग साधनाओं और विद्याओं का लाभ उठा सकें। पृथ्वी मुद्रा का अभ्यास बहुत आसान है, इसलिए आप इसे आसानी से कर पाएंगे।
कैसे करें पृथ्वी मुद्रा का अभ्यास
सबसे पहले सुखासन या फिर पद्मासन की पोजीशन में बैठ जाएं।
अपनी हथेलियों को अपने घुटनों के ऊपर रख लें।
अपनी अनामिका उंगली (Ring Finger) को मोड़कर अपने अंगूठे के अग्रभाग (अगले हिस्से) से हल्का दबाव देते हुए स्पर्श करें।
इस दौरान अपनी बाकी तीन उंगलियों को सीधा रखने का प्रयास करें। ऐसा दोनों हाथों से करना है।
आंखें बंद करें और इसी मुद्रा में बैठे हुए कम से कम 5 से 10 मिनट तक गहरी-गहरी सांस भरते रहें।आपका पूरा ध्यान आपकी आती-जाती हुई सांसों पर होना चाहिए। मन भटकता है, तो इसे दोबारा सांसों पर केंद्रित करें।
महसूस करें कि आप प्राणवायु को अपने शरीर में भर रहे हैं और नकारात्मक ऊर्जाओं को शरीर के बाहर कर रहे हैं।
10 मिनट तक इस प्रैक्टिस को करने के बाद शांत मन से उठें और अपने दैनिक कार्यों में लग जाएं।
इतना ही आसान है पृथ्वी मुद्रा का अभ्यास लेकिन इसके फायदे बहुत ज्यादा हैं।
पृथ्वी मुद्रा के अभ्यास का सही समय और तरीका
इस अभ्यास को करने का सबसे सही समय तो सुबह 4 से 6 बजे के बीच का है। इस समय अभ्यास करके आप इस मुद्रा से अधिक से अधिक लाभ पा सकते हैं। बाकी अगर आपके पास समय नहीं है, तो आप किसी भी समय इसका अभ्यास कर लें। बस इस बात का ध्यान रखें कि जहां पर योग मुद्रा का अभ्यास कर रहे हैं, वो जगह शांत, स्वच्छ और शीतल होनी चाहिए। और यह भी ध्यान रखें कि इसे जमीन पर बैठकर ही करना है, न कि बिस्तर या कुर्सी पर बैठकर। शुरुआत आप 5-10 मिनट से कर सकते हैं, इसके बाद जैसे-जैसे आपका मन एकाग्र होने लगे आप इसे 30-40 मिनट भी कर सकते हैं।
झड़ते बालों के लिए क्यों फायदेमंद है पृथ्वी मुद्रा?
योग में प्रत्येक अंग को अलग-अलग तत्वों से जोड़कर देखा जाता है। चूंकि बालों की समस्या का मुख्य कारण खोपड़ी (स्कैल्प) में ऑक्सीजनयुक्त खून की कमी, धीमा ब्लड सर्कुलेशन, विटामिन्स और मिनरल्स की कमी आदि होता है। इसलिए इस मुद्रा के अभ्यास से आपके मस्तिष्क के हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) बढ़ता है और ज्यादा मात्रा में ताजी ऑक्सीजन (Oxygen Flow) का प्रवाह होने लगता है। इससे आपको बालों को पोषक तत्व, प्राणदायिनी ऑक्सीजन और पर्याप्त खून तीनों मिलते हैं, जिससे बालों की ग्रोथ बढ़ जाती है। इस योग मुद्रा (Yoga Mudra) के लगातार अभ्यास से नए बालों को भी उगाया जा सकता है।