पिछले 6 महीने से बंद पड़ा है सरकारी अस्पताल
इलाज के लिए दर दर भटक रहे जूचंद्र के लोग
मुंबई-नायगांव पूर्व के जूचंद्र स्थित सामान्य सरकारी अस्पताल पिछले 6 महीने से बंद होने के कारण लोगों को इलाज के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है. कोरोना काल में वसई-विरार मनपा द्वारा यहां शुरू किए गए क्वारंटीन सेंटर (पृथकवास कक्ष) को अब बंद कर दिया गया है फिर भी अस्पताल को पूर्व की तरह नहीं शुरू किया जा रहा है. चलते आम जनता को मौसमी बीमारियों के लिए जगह जगह चक्कर लगाना पड़ रहा है.
गौरतलब हो कि मनपा ने आम नागरिकों के इलाज के लिए नायगांव पूर्व के जूचंद्र में 20 बेड का अस्पताल स्थापित किया है। इस अस्पताल में आसपास के अन्य परिसरों के भी लोग अनेक बीमारियों की जांच और चिकित्सा उपचार के लिए आते हैं। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए प्रशासन ने सामान्य अस्पताल में एक अस्थायी क्वारंटीन सेंटर स्थापित किया था। कोरोना मरीजों की कम होती संख्या को देखते हुए मनपा द्वारा वार्ड को बंद कर दिया गया।लेकिन सेंटर बंद होने के बाद प्रशासन को तुरंत इसे आम जनता के इलाज के लिए शुरू करना चाहिए था लेकिन आज तक चालू नहीं हुआ है, जिससे नागरिकों को उपचार के लिए मरीजों को निजी अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता है। उन्हें मजबूरी में महंगा बिल भरना पड़ रहा है. उल्लेखनीय है कि नायगांव के पूर्व में पिछले कुछ सालों में तेजी से शहरी करण बढ़ रहा है जिसमें आबादी का अधिकांश हिस्सा मध्यम वर्ग, श्रमिक वर्ग, आदिवासी, दिहाड़ी मजदूर आदि वर्ग से आता है। मनपा के पूर्व जी प्रभाग समिति अध्यक्ष का मानना है कि चिकित्सा के लिए आम जनता के लिए जुचंद्र अस्पताल एकमात्र विकल्प है। मनपा को इस पर विशेष ध्यान रखना चाहिए।