हार्ट (heart) या दिल हमारे शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है. इंसान के सीने में बाईं ओर स्थित हार्ट एक दिन में लगभग एक लाख और एक मिनट में 60-90 बार धड़कता है. इन्हीं धड़कनों में अगर अचानक बदलाव आ जाए तो इससे हार्ट अटैक (heart attack) आ जाता है. हाल ही में मशहूर अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला का हार्ट अटैक के चलते निधन हो गया है.
अभिनेता और बिग बॉस 13 के विनर सिद्धार्थ शुक्ला का गुरुवार को महज 40 साल की उम्र में हार्ट अटैक से निधन हो गया है. मुंबई (Mumbai) के कूपर अस्पताल ने सिद्धार्थ के निधन की पुष्टि की है. अभिनेता के इस तरह हुए निधन से टीवी इंड्रस्टी में शोक की लहर है. एक दशक पहले हृदय रोगों की बात करते हुए उम्र मायने रखती थी, लेकिन अब समय बदल गया है. पिछले एक साल में युवाओं में हार्ट अटैक से मौत के मामले बढ़े हैं.
दिल का दौरा तब पड़ता है जब अचानक धमनी में रुकावट होती है और दिल की मांसपेशियों में खून के प्रभाव प्रतिबंधित होता है. यह रुकावट मुख्य रूप से कोरोनरी धमनियों में पट्टिका के निर्माण के कारण होता है. दिल का दौरा तब होता है जब रक्त का थक्का जम जाता है जो रक्त प्रवाह को पूरी तरह से प्रतिबंधित करता है.
इस समय काम का तनाव, खराब लाइफ स्टाइल और खान-पान की गलत आदतें युवा पीढ़ी के बीच कई स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ावा दे रही हैं. इसमें हृदय रोग ने तो आज की युवा पीढ़ी पर बुरी तरह अटैक किया है. इससे बचने के लिए कुछ खास टिप्स हैं, जिन्हें अपनाकर आप हार्ट अटैक से बच सकते हैं.
हार्ट अटैक के कारण :–
अनुवांशिक कारणों से भी कम उम्र में आ सकता है हार्ट अटैक
कम उम्र के लोगों को भी हार्ट अटैक आना, उसके पीछे मुख्य कारण जीवन शैली में अनियमितता होने के साथ-साथ अनुवांशिक कारण भी शामिल होते हैं. कई शोध में यह खुलासा हो चुका है कि आनुवांशिक कारणों से भी शरीर में रक्त के थक्के तेज गति से बनने लगते हैं, जो आगे चलकर हार्ट अटैक का कारण बन जाते हैं.
मादक पदार्थ : जो लोग अत्यधिक शराब पीते हैं या अन्य मादक पदार्थों के सेवन ज्यादा करते हैं, उन्हें भी हार्ट अटैक का खतरा कम उम्र में ज्यादा रहता है. कोकीन आदि का सेवन करने से भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. ज्यादातर युवा 18 से 25 साल की उम्र में ही स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन शुरू कर देते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, युवाओं में दिल से जुड़ी बीमारियों की ये एक बड़ी वजह है. अपने एडिक्शन की वजह से युवा कार्डियोवास्कुलर हार्ट डिजीज का शिकार हो रहे हैं, जिससे हार्ट अटैक का भी खतरा रहता है.
जंक फूड : जंक फूड में कैलोरी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और इससे कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ जाता है. ज्यादा जंक फूड खाने से भी हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है.
डिप्रेशन : हार्ट अटैक का एक मुख्य कारण डिप्रेशन भी है. खुद को तनाव से दूर रखने के लिए मेडिटेशन कर सकते हैं. मेडिटेशन करने से दिमाग को शांति मिलती है और हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है.
ब्लड प्रेशर : अगर आप दिल की बीमारी से दूर रहना चाहते हैं तो अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखने की कोशिश करें. दरअसल, हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को दिल की बीमारी होने का खतरा अधिक होता है.
तंबाकू का सेवन : तंबाकू का सेवन फेफड़ों के साथ-साथ दिल की सेहत के लिए भी खतरनाक होता है. तंबाकू से दिल और ब्लड वेसेल्स डैमेज होने का खतरा रहता है. इसलिए जितना हो सके तंबाकू के सेवन से बचने की कोशिश करें.
कम उम्र में हार्ट अटैक से बचने के लिए आजमाएं ये उपाय
- अपनी जीवनशैली को नियमित रखें और लो कार्ब व फैट वाला खाना खाएं. खाने में तैलीय खाद्य पदार्थों का सेवन काफी कम रखें.
- शारीरिक गतिविधि का विशेष ध्यान रखें. रोज कम से कम 40 से 45 मिनट के लिए कार्डियो एक्सरसाइज जरूर करें. इसमें दौड़ना, स्विमिंग, साइकिलिंग, रस्सी कूदना जैसी शारीरिक गतिविधि शामिल कर सकते हैं.
- अपने खाने में फाइबर व प्रोटीन युक्त डाइट जरूर शामिल करें. जितना शारीरिक वजन है, खाने में उतने ग्राम प्रोटीन डाइट जरूर लेना चाहिए. जैसे आपका वजन यदि 65 किलो है तो दिनभर में 65 ग्राम प्रोटीन युक्त डाइट जरूर लेना चाहिए.
- समय समय पर अपनी शारीरिक जांच जैसे बीपी, कोलेस्ट्रॉल, शुगर आदि की जांच कराते रहना चाहिए.
- अच्छी सेहत के लिए रोजाना 8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है. दरअसल, अच्छी नींद लेने से शरीर रिफ्रेश और रिचार्ज होता है. सेहत अच्छी बनी रहती है और दिल भी स्वस्थ रहता है.
- मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है. इससे सिर्फ आंखों को ही नहीं बल्कि दिल को भी कई तरह से फायदा पहुंचता है. हफ्ते में एक बार मछली खाने से हार्ट अटैक होने का खतरा बेहद कम हो जाता है. इसलिए अपनी डाइट में मछली जरूर शामिल करें.
- मोटे लोगों में दिल की बीमारी होने का खतरा सबसे अधिक होता है. इसलिए अपने वजन को कंट्रोल में रखने की कोशिश करें.
इन लक्षणों को इग्नोर न करे
हार्ट अटैक के लिए ऐसा नहीं है कि यह आपको किसी खास उम्र में ही आ सकता है. कोई भी व्यक्ति इसका शिकार हो सकता है, लेकिन अगर आपको कुछ खास लक्षण दिखें तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए.
नींद न आना, सांस लेने में दिक्कत, बहुत ज्यादा थकान, अनियमित दिल की धड़कन और पैरों में सूजन हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं. इसके अलावा लेफ्ट हेंड में दर्द होना भी हार्ट अटैक का संकेत होता है. यह दर्द जॉ लाइन यानी जबड़े तक जाता है और पूरे हाथ में होता है. लगातार खांसी होना और हाथ-पैर में सूजन आना, जकड़न, दर्द, मतली, अपच, पेट दर्द, सांसों की कमी, ठंडा पसीना, थकान और चक्कर आना हार्ट की बीमारी के लक्षण होते है. इन लक्षणों पर गौर करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.