अस्पतालों का इंसीनरेटर खत्म करेगा जैविक कचरा
प्रयोग किए चिकित्सा सामग्रियों का सरल समाधान
मुंबई-कोरोना काल में लाखों लोगों के उपचार में प्रयोग किए चिकित्सा उपकरण और सामग्री को अब अस्पतालों में ही इंसीनरेटर के उपयोग से खत्म किया जाएगा। बड़े पैमाने पर उपयोग किए गए पीपीई किट्स, मास्क, फेस शील्ड, ग्लव्स आदि सामग्रियों के साथ जैविक कचरा अस्पतालों में जमा हो गए हैं. इस समस्या का समाधान खोजते हुए अब मनपा अस्पतालों में ही इंसीनरेटर का उपयोग कर इन्हे नष्ट किया जाएगा। विषाणुओं से बचने के लिए बड़े पैमाने पर चिकित्सकों द्वारा इन सामग्रियों का उपयोग किया गया था। जिसके चलते अस्पतालों में जैविक कचरे की भरमार पड़ी हुई है।
गौरतलब हो कि मनपा द्वारा अभी तक जैविक कचरा को नष्ट करने के लिए देवनार के डम्पिंग ग्राउंड का उपयोग किया जाता था. जिसको लेकर कई बार सवाल भी खड़े किए गए थे। कोरोना काल में मरीजों की जांच के लिए उपयोग किए जाने वाले हैंड ग्लव्स, मास्क, फेस शील्ड और पीपीई किट्स को इसी डंपिंग ग्राउंड में फेंका जाता था।
आरोप लगे थे कि कई कालाबाजारियों द्वारा कोरोना काल में चिकित्सा सहायता सामग्री की कमी को देखते हुए इन्हे साफ़ कर दुबारा उपयोग करने के लिए बेंचा जाता था। जबकि इस तरह के खतरनाक जीवाणुओं वाले दूषित जैविक कचरे को नष्ट करने के लिए यहां फेंका जाता था। इस जैविक कचरे का दोबारा उपयोग न हो इसके लिए बड़ी ही सजगता से नष्ट करने की प्रक्रिया की जाती है।
मनपा प्रशासन ने अब इस तरह की घटनाओ को रोकने के लिए मनपा अस्पताल में ही इंसीनरेटर का उपयोग कर जैविक कचरे को नष्ट करने की योजना बनाई है. ताकि अस्पताल के बाहर जैविक कचरा निकले ही नहीं और उसके दुरुपयोग को रोका जा सके। मनपा में सुधार समिति अध्यक्ष सदानंद परब ने मनपा अस्पतालों में ही जैविक कचरा को नष्ट करने के लिए इंसीनरेटर का उपयोग करने की मांग की है। मनपा आयुक्त के निर्णय के बाद मनपा के तीन मुख्य अस्पतालों सहित 16 उपनगरीय अस्पतालों में इंसीनरेटर का उपयोग कर जैविक कचरा को नष्ट करने की योजना की जाएगी।