कोरोना टीकाकरण टीम में शामिल करें
आंगनवाड़ी एक्शन कमेटी ने की मांग
मुंबई- गर्भवती महिलाओं से लेकर नवजात शिशुओं तक की देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार से कोरोना टीकाकरण मुहिम में उन्हें शामिल करने की मांग की है. महाराष्ट्र आंगनवाड़ी एक्शन कमेटी का कहना है कि महिलाओं और शिशुओं की देखभाल करते हुए उन्हें भी स्वास्थ्य सेवाओं का अनुभव है इसलिए उनका भी सहयोग लिया जाना चाहिए. हालांकि सरकारी और निजी डॉक्टर कोरोना टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तम माने जाते हैं, लेकिन इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को शामिल नहीं किया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने टीका उपलब्ध होने के बाद स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्राथमिकता देने का फैसला किया है. राज्यों को इन कर्मचारियों को पंजीकृत करने का निर्देश दिया है। केंद्र के निर्देशों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने राज्य स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की जानकारी एकत्र करना शुरू कर दिया है। केंद्र ने इसके लिए दिशा निर्देश भी जारी किए हैं। इसको ध्यान में रखते हुए निजी और सरकारी कर्मचारी जो स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में काम करते हैं उन्हें स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में परिभाषित किया गया है। पहले पैनल में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में आशा सेविका, आशा समूह के प्रचारक, नर्स (एएनएम), बहुउद्देशीय कर्मचारी शामिल हैं। लेकिन इस सूची में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को शामिल नहीं किया गया है। वर्तमान में राज्य में 2 लाख 7 हजार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका कार्यरत हैं। चूंकि कोरोना काल में आंगनवाड़ी को बंद कर दिया गया है, फिर भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गर्भवती स्त्रियों, स्तनपान कराने वाली माताओं और शिशुओं को राशन देने के साथ उनका वजन रिकॉर्ड करती हैं. साथ ही कि क्या उन्हें टीका लगाया गया है कि नहीं, इसका भी ख्याल रख रही हैं. इसके साथ कोरोना काल के दौरान गांव के बाहर से आने वाले लोगों का रिकॉर्ड रखना, ‘मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी’ सर्वेक्षण जैसे कार्य में आंगनवाड़ी से जुड़ी महिलाएं भूमिका निभा रही हैं.