.तो इस साल दीवाली पर नहीं बजेंगे पटाखे
सरकार कर रही है पाबंदी लगाने की तैयारी
कोरोना के साथ अस्थमा के मरीजों को राहत
मुंबई-कोरोना काल में अनेक सावधानियों का अनुपालन कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग इस वर्ष दीवाली पर अनेक पाबंदियां लगाने की तैयारी कर रहा है. यदि स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी मिल जाती है तो इस वर्ष दिवाली पर पटाखे नहीं बजेंगे। हर साल दीवाली पर पटाखों की गूंज से जहां पशु पक्षियों को दिन रात इधर से उधर भटकना पड़ता है तो सबसे ज्यादा तकलीफ अस्थमा के साथ फेफड़ों के मरीजों को होती है जिन्हे दीवाली के जहरीले धुएं से सांस लेनी में दिक्कत होती है.
कोरोना की पृष्ठभूमि को देखते हुए राज्य सरकार ने इस साल पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के लिए मन बना लिया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया है जिसे कैबिनेट बैठक में पेश किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि दीवाली की रौनक के साथ हमें इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि बिना पटाखों के दिवाली कैसे मनाई जाए।
मैं मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के बीच बैठक में इस पर भी जोर दूंगा। पटाखों के धुएं के कारण जहरीली गैसें हवा में निकलती हैं, ठंड के कारण ये गैसें ऊपर नहीं जा सकती हैं, इससे सांस लेना मुश्किल हो सकता है. अगर इस मुद्दे पर मंत्रिमंडल ने सकारात्मक रुख दिखाया तो राजस्थान, उड़ीसा और सिक्किम के साथ महाराष्ट्र में भी दिवाली के पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
दिवाली पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी
स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने कहा कि दीवाली के मद्देनजर नागरिकों को अधिक सावधान रहना चाहिए। लोगों से मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ अपने हाथों को नियमित रूप से धोने की जरूरत है। किसी भी सार्वजनिक स्थल पर पटाखे फोड़ने या किसी अन्य कारण से भीड़ नहीं जमा होने दी जाएगी।
आतिशबाजी पर प्रतिबंध, दो दिनों में नियमों की घोषणा
मुंबई मनपा ने कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसी जगहों पर पटाखे जलाने वालों को दंडित किया जाएगा। इसके तहत मरीन ड्राइव, जुहू बीच, वर्ली सी फेस जैसे सार्वजनिक स्थानों पर पटाखों की अनुमति नहीं होगी। आवासीय परिसर और घर के परिसर में एक सीमित तरीके से आतिशबाजी की अनुमति दी जाएगी।
मनपा के अतिरिक्त ने कहा कि एक स्थान पर अत्यधिक प्रदूषण से कोरोना संक्रमण में वृद्धि हो सकती है, जिससे लोगों के ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाएगा। इसलिए लोगों को खुद पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत है।