देश के पहले सरकारी अस्पताल में ‘स्वैप ट्रांसप्लांट’, ग़रीबों के लिए दिखी नई आशा की किरण
बई-देश के किसी भी सरकारी अस्पताल में बच्चों की किडनी प्रत्यारोपण का इतिहास केईएम अस्पताल में रचा गया है। दो 12 वर्षीय बच्चों को उनके माता-पिता ने स्वैप सिस्टम (अदला-बदली पद्धति) से अपनी किडनी दान करके उन्हें जीवनदान दिया है। इससे पहले सन 2015 में इसी सरकारी अस्पताल में बड़ी आयु के रोगियों में पहला स्वैप सिस्टम से किडनी प्रत्यारोपण किया गया था। जानकारी के अनुसार मुंबई और सतारा के दोनों 12 वर्षीय बच्चों को जन्मजात किडनी की बीमारी थी। पहले वाडिया अस्पताल में इलाज शुरू किया गया जिसके चलते उन्हें लंबे समय तक डायलिसिस से गुजरना पड़ा। बीमारी अंतिम चरण में पहुंचने से पहले डॉक्टरों द्वारा किडनी प्रत्यारोपण की सलाह के बाद दोनों बच्चे केईएम में इलाज के लिए आए थे।
दोनों बच्चों में से एक की मां और दूसरे के पिता किडनी दान करने के लिए तैयार थे. लेकिन उनका ब्लड ग्रुप उनके बच्चे के ब्लड ग्रुप से मेल नहीं खाता था। इसलिए दोनों किडनी डोनर की तलाश में थे। डोनर पंजीकरण से पता चला कि इन बच्चों के माता-पिता का ब्लड ग्रुप एक दूसरे के बच्चों से मेल खाता है। जब दोनों के माता-पिता को इसके बारे में पता चला तो दोनों एक दूसरे के बच्चे के लिए किडनी दान करने को तैयार हो गए. इसके बाद केईएम में एक साथ प्रत्यारोपण सर्जरी की गयी जो पूर्णतः सफल रही। यूरोलॉजी और हार्ट सर्जरी विभाग ने छह घंटे में सभी चार सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा किया। अगले तीन दिनों में किडनी दाताओं को घर भेज दिया गया। सर्जरी के बाद एक बच्चे में कुछ दिक्कत थीं।
लेकिन मामूली सर्जरी के बाद अब वह पूरी तरह से ठीक हो गया है। किडनी विभाग प्रमुख डॉ. तुकाराम जमाले के अनुसार किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी काफी महंगी है जिसमें प्रति मरीज लगभग 7 लाख रुपये तक खर्च आता है। स्वैप ट्रांसप्लांट के लिए सही दाता ढूंढना बहुत मुश्किल होता है इसीलिए आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए सरकारी अस्पतालों में स्वैप सिस्टम उपयोगी और बहुत महत्वपूर्ण है। केईएम के डीन डॉ. हेमंत देशमुख ने बताया कि सरकारी योजनाओं के माध्यम से इन दोनों बच्चों की सर्जरी पूरी तरह से मुफ्त हो गई है। इसलिए इन परिवारों पर कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ा है। यह आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के रोगियों के लिए आशा की एक नई किरण है. केईएम अस्पताल इसके लिए और अधिक प्रयास कर रहा है।