हंगामा करने वालों पर पुलिस का शिकंजा, 7 नवंबर को एसीपी के सामने होना है पेश
मुंबई-जनवरी में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और जेएनयू के छात्रों पर हुए हमले के विरोध में प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ अब अक्टूबर माह में मुंबई पुलिस ने नोटिस जारी किया है. कोरोना के चलते इस प्रक्रिया में देरी होने की संभावना जताई जा रही है. दक्षिण मुंबई के हुतात्मा चौक पर हंगामा करने वालों को मुंबई पुलिस कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे भविष्य में अच्छे व्यवहार के लिए बांड पर हस्ताक्षर करने तथा पांच लाख से दस लाख रुपये तक का मुचलका भरने को कहते हुए शिकंजा कस रही है।इस तरह की नोटिस विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेट और सहायक पुलिस आयुक्त द्वारा दंड प्रकिया संहिता की धाराओं के तहत सितंबर में ही जारी किये गए थे। नोटिस प्राप्त करने वाले एक प्रदर्शनकारी के अनुसार इनमें से कई नोटिस सितंबर में जारी किए गये थे।
प्रदर्शन में भाग लेने वाले लोगों को अक्टूबर में विभिन्न तारीखों पर एसीपी के सामने उपस्थित होने को कहा गया था। प्रदर्शन करने वालों में से जिन्होंने नोटिस का जवाब दिया है, उन्हें 7 नवंबर को पुनः बुलाया गया है। उल्लेखनीय है कि दक्षिण मुंबई के हुतात्मा चौक पर 6 जनवरी को सैकड़ों लोगों ने एकत्रित होकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों पर हुए हमले और सीएए के विरोध में प्रदर्शन किया था। पुलिस ने प्रदर्शन में भाग लेने वालों के विरुद्ध माता रमाबाई अंबेडकर मार्ग और कोलाबा पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की थी। घटना के कई महीनों बाद पुलिस ने विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वालों के विरुद्ध नोटिस जारी करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही पुलिस उनसे एक या दो साल तक अच्छे व्यवहार के लिए बांड पर हस्ताक्षर करने और शहर में कानून व्यवस्था बरकरार रखने के वास्ते पांच से दस लाख रुपये तक का मुचलका भरने को कह रही है।